मोदी मंत्रीमंडल का विस्तार, पढ़े किसको मिला कौन-सा मंत्रालय
दिल्ली 
मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद कई मंत्रियों के मंत्रालयों में फेरबदल किया गया है। मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया गया है। जेपी नड्डा को स्वास्थ्य, सुरेश प्रभु को रेल मंत्रालय और सदानंद गौडा को कानून मंत्रालय दिया गया है।
रविशंकर प्रसाद से कानून मंत्रालय ले लिया गया है। वहीं, गौडा से रेल मंत्रालय ले लिया गया है। वहीं, जेटली को सूचना और प्रसारण मंत्रालय दिया गया है। पहले जेटली रक्षा मंत्री भी थे। रामकृपाल यादव को पेयजल मंत्रालय, रविशंकर प्रसाद के पास संचार मंत्रालय बना रहेगा। चौधरी वीरेंद्र सिंह को ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया है।
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हर्षवर्धन से स्वास्थ्य मंत्रालय ले लिया गया है और उन्हें साइंस और टेक मंत्रालय दिया गया है।

इससे पहले रविवार की दोपहर शपथग्रहण समारोह में शिवसेना की अनुपस्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपनी मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार किया, जिसमें गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और तीन अन्य ने कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में शपथ ली। मंत्रिपरिषद के विस्तार में 21 नये चेहरों को स्थान दिया गया। 

राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री रहे और पूर्व शिवसैनिक सुरेश प्रभु, भाजपा के वरिष्ठ नेता जे.पी नड्डा और हरियाणा के जाट नेता विरेन्द्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। विरेन्द्र सिंह हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए। 

शिवसेना और भाजपा के बीच महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर गतिरोध नहीं सुलझने के कारण शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने शपथ नहीं ली। खबरों के अनुसार वह सुबह यहां आने के बाद हवाईअड्डे से ही मुंबई वापस लौट गए।

मंत्रिपरिषद के विस्तार में बंडारू दत्तात्रेय और राजीव प्रताप रूडी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया है जो वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे थे। दिल्ली से लगे गौतमबुद्ध नगर से सांसद महेश शर्मा को भी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिपरिषद के इस पहले विस्तार में 14 राज्य मंत्रियों को शामिल किया। इनमें मुख्तार अब्बास नकवी, रामकपाल यादव, हरिभाई पारथीभाई चौधरी, सांवर लाल जाट, मोहनभाई कल्याणजीभाई कुंडारिया, गिरिराज सिंह, हंसराज गंगाराम अहिर, प्रो.रामशंकर कठेरिया, जयंत सिन्हा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबुल सुप्रियो, साध्वी निरंजन ज्योति, विजय सांपला (सभी भाजपा से) और वाई एस चौधरी (तेदेपा) शामिल हैं।

मई में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार मंत्रिमंडल का विस्तार किया है और इसमें गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। 

इस विस्तार के साथ मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 45 से बढ़ाकर 66 हो गई है जिसमें प्रधानमंत्री समेत 27 कैबिनेट स्तर के मंत्री, 13 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 26 राज्य स्तर के मंत्री शामिल हैं।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, राज्यसभा के उपसभापति पी.जे कुरियन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के सहयोगी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में वसुंधरा राजे, रमण सिंह, मनोहर लाल खट्टर के अलावा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी से समारोह में कोई शामिल नहीं हुआ। 

शपथग्रहण समारोह में जाने से पहले नये मंत्रियों ने चायपान पर प्रधानमंत्री के सात रेसकोर्स स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की। आईआईटी स्नातक 58 वर्षीय पर्रिकर का मोदी के साथ अच्छा तालमेल है और वह अपनी ईमानदारी और प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। 

सुरेश प्रभु की ख्याति एक कुशल प्रशासक के रूप में है और वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री के रूप में वह सुधारों के लिए जाने गए। लेकिन तब शिवसेना ने उन्हें अचानक मंत्रिपरिषद से वापस ले लिया। इसके बाद से ही वह शिवसेना में सक्रिय नहीं रहे। 

मंत्रिपरिषद में दत्तात्रेय को शामिल कर नवगठित तेलंगाना राज्य को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। राजीव प्रताप रूडी के लिए यह सरकार में वापसी है। इससे पहले वह वाजपेयी सरकार में मंत्री थे। पहली बार सांसद बने महेश शर्मा के चयन को आश्चर्य के रूप में देखा जा रहा है जिन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया जबकि मुख्तार अब्बास नकवी को महज राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया। 

बिहार से राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव को राज्य मंत्री के रूप शामिल किया गया है।

कैबिनेट मंत्री
राजनाथ सिंह : गृह
सुषमा स्वराज : विदेश
अरुण जेटली : वित्त और सूचना एवं प्रसारण
वेंकैया नायडू : शहरी विकास व संसदीय कार्यमंत्री
नितिन गडकरी : सड़क परिवहन व जहाजरानी
सुरेश प्रभु : रेलवे
सदानंद गौड़ा : कानून
उमा भारती : जल संसाधन एवं गंगा पुनरुद्धार
नजमा हेपतुल्ला : अल्पसंख्यक
मनोहर पार्रिकर : रक्षा
रामविलास पासवान : उपभोक्ता
कलराज मिश्रा : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग
मेनका गांधी : महिला एवं बाल कल्याण
अनंत कुमार : रसायन एवं उर्वरक
रविशंकर प्रसाद : संचार एवं आइटी
जेपी नड्डा : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
अशोक गजपति राजू : नागरिक उड्डयन
अनंत गीते : भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम
हरसिमरत कौर बादल : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
नरेंद्र सिंह तोमर : खनन एवं इस्पात
चौधरी बीरेंद्र सिंह : ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता
जुएल उरांव : आदिवासी कल्याण
राधामोहन सिंह : कृषि
थावर चंद गहलोत : सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता
स्मृति ईरानी : मानव संसाधन विकास
हर्षवर्धन : विज्ञान एवं तकनीक

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
जनरल वीके सिंह : सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं विदेश राज्यमंत्री
राव इंद्रजीत सिंह : योजना एवं रक्षा राज्य मंत्री
संतोष कुमार गंगवार : कपड़ा
बंडारू दत्तात्रेय : श्रम एवं नियोजन
राजीव प्रताप रूड़ी : कौशल विकास एवं उद्यमिता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री
श्रीपद नाइक : आयुष और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान : तेल व प्राकृतिक गैस
सर्वानंद सोनोवाल : खेल एवं युवा
प्रकाश जावड़ेकर : पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन
पीयूष गोयल : ऊर्जा, कोयला एवं अक्षय ऊर्जा
डॉक्टर जितेंद्र सिंह : पूर्वोत्तर विकास एवं प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, पेंशन और परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष 
विकास राज्यमंत्री
निर्मला सीतारमण : वाणिज्य एवं उद्योग
डॉक्टर महेश शर्मा : पर्यटन व संस्कृति और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री

राज्यमंत्री
मुख्तार अब्बास नकवी : अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य
रामकृपाल यादव : पेयजल एवं स्वच्छता
एचपी चौधरी : गृह
सांवरलाल जाट : जल संसाधन एवं गंगा पुनरुद्धार
मोहन भाई कल्याण भाई कुंदरिया : कृषि
गिरिराज सिंह : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम
हंसराज गंगाराम अहीर : रासायन एवं उर्वरक
जीएम सिद्देश्वर : भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम
मनोज सिन्हा : रेलवे
निहालचंद : पंचायती राज
उपेंद्र कुशवाहा : मानव संसाधन विकास
पी राधाकृष्णन : सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी
किरन रिजिजू : गृह
कृष्णपाल गुर्जर : सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण
संजीव कुमार बालियान : कृषि
मनसुख भाई धांजी भाई वासव : आदिवासी विकास
राव साहब दादाराव दानवे : उपभोक्ता, खाद्य एवं जनवितरण
विष्णु देव साई : खनन एवं इस्पात
सुदर्शन भगत : ग्रामीण विकास
रामशंकर कठेरिया : मानव संसाधन विकास
वाईएस चौधरी : विज्ञान एवं तकनीक
जयंत सिन्हा : वित्त
कर्नल राज्यवद्र्धन सिंह राठौड़ : सूचना एवं प्रसारण
बाबुल सुप्रियो : शहरी विकास, आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन
साध्वी निरंजन ज्योति : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
विजय संपाला : सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता

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