बिहार की मांझी सरकार ने विश्वास मत प्राप्त किया
पटना। 
भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बीच बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। राजद ने जदयू की मांझी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जिससे मांझी को विश्वास मत हासिल करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
इससे पहले, ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पांच नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई और बक्सर और महाराजगंज से लोकसभा चुनाव जीतने वाले दो भाजपा विधायकों अश्विनी चौबे और जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को बधाई दी।
राजद के जदयू को समर्थन के बाद समीकरण कुछ इस तरह बन चुका है कि सरकार को विश्वास मत मिलने की गारंटी हो गई। राजद का घोषित समर्थन मिल जाने के बाद सरकार की स्थिति और मजबूत हो गई है। भाजपा के चार विधायक नित्यानंद राय, सतीशचंद्र दूबे, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और अश्रि्वनी कुमार चौबे लोकसभा के लिए चुन लिए गए हैं। चूंकि इन लोगों ने अभी संसद की सदस्यता नहीं ली है। लिहाजा इन सब को शुक्रवार के मतदान में शामिल होने के लिए पटना बुला लिया गया था।
इधर, जदयू ने जिन चार महिला विधायकों को चुनाव के दौरान पार्टी से निलंबित किया था, इन सबके प्रति नरम रुख रखने का संकेत दिया है। पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा भी सदन की बैठक में शामिल होने के लिए नई दिल्ली से पटना आ गई। विश्वास मत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का विस्तार भी करेंगे। उनके मंत्रियों की संख्या 17 से बढ़कर 35 तक जा सकती है।
ये है समीकरणविधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है। सात सीट खाली हैं इसलिए बहुमत के लिए सरकार को 119 वोटों की जरूरत। सत्ता पक्ष में जदयू के 117, कांग्रेस के 4, निर्दलीय के 2, भाकपा के 1 और राजद के 21 विधायकों का समर्थन। सरकार के पक्ष में कुल 145 सदस्यों का समर्थन हो सकता है। वहीं विपक्ष में भाजपा के 88 और 3 निर्दलीय हैं।

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