जांच में मोहंती के खिलाफ दुष्कर्म के प्रमाण मिले : कोर्ट
कोर्ट ने कहा, अनुसंधान जारी है, तस्दीक कराई जानी है। पोटेंसी टेस्ट बाकी है। अग्रिम जमानत से अभियुक्त गवाहों को प्रभावित कर सकता है। समाज में भी गलत संदेश जाएगा। केस डायरी और साक्ष्यों से भी लगता है, जो मौके बताए गए हैं, वहां दुष्कर्म हुआ।
जयपुर।
महानगर की महिला उत्पीड़न मामलों से संबंधित कोर्ट ने दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में चिंता जाहिर करते हुए गुरूवार को आईएएस बी.बी. मोहंती की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, जांच में मोहंती के खिलाफ दुष्कर्म के प्रमाण मिले हैं। अनुसंधान अधिकारी ने जांच के लिए मोहंती की गिरफ्तारी जरूरी बताई है।
कोर्ट ने कहा, अनुसंधान जारी है, तस्दीक कराई जानी है। पोटेंसी टेस्ट बाकी है। अग्रिम जमानत से अभियुक्त गवाहों को प्रभावित कर सकता है। समाज में भी गलत संदेश जाएगा। केस डायरी और साक्ष्यों से भी लगता है, जो मौके बताए गए हैं, वहां दुष्कर्म हुआ।
मोहंती के वकील के तर्क
-दुष्कर्म पीडिता ने एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ जब एफआईआर कराई थी, तब उसने मोहंती को थाने से छह बार फोन किया। उसी समय मोहंती के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई?
-जुलाई 2013 में दोनों के गोवा जाने की बात भी सहीं नहीं, उस अवधि में मोहंती के दफ्तर में हाजिर होने के प्रमाण हैं।
-दोनों के फ्लैट भी नजदीक नहीं है।
लोक अभियोजक का तर्क
-अभियुक्त आईएएस अधिकारी है, अग्रिम जमानत मिलने पर सबूत मिटा सकता है।
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