मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ बनी साध्वी दर्शनांजनाश्री

सियाणी। 
मरूधरा की धन्य धरा थार नगरी बाड़मेर के समीपवर्ती सियाणी नगर में मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ के दीक्षा समारोह में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
सियाणी जैन श्री संघ के अध्यक्ष बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि पूज्य प्रवचनकार पल्लीवाल श्री मणिरत्नसागरजी म.सा., लाभमुनि म.सा. आदि की पावन निश्रा में एवं विचक्षण मणि, मातृ हृदय, सौम्यमूर्ति, संयम पथ निर्देशिका गुरूवर्या श्री सुरंजनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 8 के पावन सानिध्य में सियाणी नगर में पहली बार दीक्षा समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
दीक्षा समारोह के आज अंतिम दिन प्रातः 7 बजे मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ के निवास स्थान पर पाट बिठाना, थाल लुटाना इत्यादि कार्यक्रम गाजे-बाजे के साथ मंगलगीतों द्वरा सम्पन्न हुए। तत्पश्चात् संयम के लिए घर से अंतिम विदाई में वर्षीदान के साथ विदाई सम्पन्न हुई।
इसके बाद वर्षीदान घर से मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ गाजे-बाजे, ढोल-ढमाकों के साथ सुखसागर विचक्षण संयम वाटिका नगर में प्रवेश हुआ। जैसे ही प्रवेश हुआ पूरा पाण्डाल जयकारों से गुंजायमान होकर दीक्षार्थी अमर रहे के नारों से वातावरण धर्ममय बन गया। इसके बाद पूज्य गुरूवर एवं गुरूवर्या के मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ। पूज्य गुरूवर एवं गुरूवर्या ने दीक्षा विधि के शुभ मुहूर्त में मंगल प्रारम्भ हुआ वैदिक मंत्रोच्चार एवं विभिन्न क्रियाओं द्वारा विधान सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात् पूज्य गुरूवर एवं गुरूवर्या श्री एवं चतुर्विध संघ की साक्षी में मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ को रजोहरण (ओगा) जैसे ही दिया तो मुमुक्षु पिंकी के आनंद का कोई ठिकाना नहीं रहा, वह नृत्य में तल्लीन हो गई। आज उसकी मनोकामना पूर्ण हो गई थी। बाद में अंतिम तिलक का लाभ प्रभुलाल छाजेड़ परिवार द्वारा कर विदाई दी गई। फिर मुमुक्षु द्वारा अपने भाई को अंतिम राखी एवं तिलक के द्वारा विदाई ली गई। इससे पूरा पाण्डाल खुशी के साथ विदाई के आंसुओं में लीन हो गया।
इसके बाद चारित्र उपकरण सम्बन्धी चढ़ावे बोले गये। जिसमें माला का लाभ शंकरलाल भीखचन्द बोहरा, काम्बली का लाभ लहरी देवी माणकमल छाजेड़, आसन का लाभ पाश्र्व परिवार रामसर, तरपणी का लाभ रतनलाल मांगीलाल रिखबदास वडेरा ठेकेदार परिवार, माता-पिता का लाभ केशरीमल शिवलालचन्द छाजेड़, स्थापनाचार्य का लाभ विधायक मेवाराम चिंतामणदास बोहरा परिवार, नामकरण का लाभ वीरचन्द पारसमल छाजेड़ परिवार ने लिये। इसके साथ अन्य कई चढ़ावों में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। तत्पश्चात् समस्त उपकरण म.सा. को बोहराए गए। इसके बाद मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ को संयम अंगीकार करवाया गया। जैसे ही पाण्डाल में वापिस संयम के वस्त्रों में आए तो पूरा पाण्डाल जयकारों से गूंज उठा। बाद में विधि-विधान द्वारा नामकरण की घोषणा हुई। नामकरण की घोषणा भूरचन्द छाजेड़ परिवार ने की। मुमुक्षु पिंकी छाजेडत्र का नया नाम नूतन साध्वी दर्शनांजनाश्रीजी म.सा. की घोषणा की गई। घोषणा होते ही सभी ने उन्हें वंदन किया। इसके बाद नूतन साध्वी ने धर्मलाभ कहा।

भूरचन्द छाजेड़ ने बताया कि दीक्षा समारोह में पधारे बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, नगर परिषद् सभापति उषा जैन, कुशल वाटिका ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़, अखिल भारतीय खरतरगच्छ महासंघ के उपाध्यक्ष रिखबदास मालू, उप प्रधान मोतीलाल मालू, ब्रह्मसर ट्रस्ट के अध्यक्ष दानमल डूंगरवाल, नवसारी बाड़मेर जैन श्री संघ के अध्यक्ष मांगीलाल बोहरा, जोधपुर जैन समाज के अध्यक्ष वेदमल मालू सहित कई संघों के अध्यक्षों का सियाणी जैन श्री संघ ने तिलक, माला, साफा, चुनड़ी, मोमेन्टो व श्रीफल से स्वागत किया। सभी अतिथियों ने पूज्य गुरूवर एवं गुरूवर्या श्री से मंगल आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर गुरूवर एवं गुरूवर्या श्री ने धर्मसभा को सम्बोधित किया तथा पूज्य गुरूवर्या श्री को आगामी चातुर्मास हेतु कई संघों ने विनती की तथा कल्याणपुरा ट्रस्ट ने आगामी प्रतिष्ठा पर पधारने की विनती की। गुरूवर्या श्री ने सभी की विनती को ध्यान में रखकर आगे वर्तमान योग की बात की।
दोपहर में लघु शांति स्नात्र पूजन का आयोजन किया गया जिसका लाभ कंचन देवी राकेशकुमार वडेरा एवं कविता देवी दिनेशकुमार लालण परिवार ने लिया एवं बड़ी नवकारसी का लाभ द्वारकादास बस्तीराम छाजेड़ परिवार ने लिया।
दीक्षा समारोह में सियाणी जैन श्री संघ के अध्यक्ष ने इस महामहोत्सव में परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी महानुभावों एवं सभी संस्थाओं तथा सभी संघों एवं मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपने जो सहयोग दिया है उसके लिए सियाणी जैन श्री संघ आपका आभारी है।तत्पश्चात् शाम को नूतन साध्वी का नगर से बाहर विहार हुआ तथा रात्रि में भक्ति संध्या तथा संस्थाओं का बहुमान किया गया।
दीक्षा समारोह में आज सूरत, नवसारी, जोधपुर, जैसलमेर, हरसाणी, भाड़खा, मालेगांव, भिवण्डी, बाड़मेर, सिणधरी, बालोतरा, बायतु, गांधीधाम, चैहटन, धोरीमन्ना, भादरेश्, बिशाला, मुम्बई, तमिलनाडु, चेन्नई, रामसर सहित कई स्थानों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर दीक्षा समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर दीक्षा समारोह में चार चांद लगाए। मंच संचालन बंशीधर तातेड़ ने किया।
साध्वीवर्या सिद्धांजनाश्री के संयम के आज 28 वर्ष पूर्ण होने पर सभी संघों ने उनके दीर्घायु होने एवं संयम के मार्ग की मंगल कामना करते हुए बधाई दी एवं कहा कि वे अपने मार्ग पर उत्तरोत्तर प्रगति करें।

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