कुलधरा का ग्राम्य लोक जीवन और सम के रेतीले धोरों पर उमड़ेगा पर्यटन ज्वार
जैसलमेर, 
विश्वविख्यात मरु महोत्सव के तीसरे दिन देशी-विदेशी सैलानियों के लिए कुलधरा और सम आकर्षण का केन्द्र होंगे। जैसलमेर आए पर्यटक शुक्रवार -14 फरवरी को दिन में जहां सत्रह किलोमीटर दूर कुलधरा में ग्राम्य संस्कृति के पुरातन बिम्बों से साक्षात्कार करेंगे वहीं माघ पूनम की सांझ जैसलमेर से 45 किलोमीटर दूर सम के लहरदार रेतीले मखमली धोरों के नाम होगी जहां देश-विदेश में मशहूर लोक कलाकार अपनी प्रसिद्ध कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। सम के धौरों पर अपरान्ह 3 बजे से 6 बजे तक पतंगबाजों द्वारा रंगबिरंगी पतंगों की उड़ान कर सकेगें। साँस्कृतिक संध्या के बाद शानदार आतिशबाजी के साथ ही तीन दिवसीय मरु महोत्सव सम्पन्न हो जाएगा।
कुलधरा में ग्राम्य लोक सँस्कृति से होगा साक्षात

तीन दिवसीय मरु महोत्सव के अंतिम दिन 14 फरवरी, शुक्रवार को प्रातः 10 बजे से दोपहर 2ः30 बजे तक देशी-विदेशी मेहमान कुलधरा में ग्रामीण लोक संस्कृति के विविध बिम्बों का दिग्दर्शन कर सकेंगे।

सम के मखमली धोरों पर उमड़ेगा लोक संस्कृति का ज्वार

तीन दिवसीय मरु महोत्सव तीसरे व अन्तिम दिन 14फरवरी, शुक्रवार को जैसलमेर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सम में मखमली रेतीले धोरों पर मरु महोत्सव का आनंद पाने आए देशी-विदेशी सैलानी सूर्यास्त के मनोहारी बिम्बों को देखने का लुत्फ उठा सकेंगे।

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