प्रदेश की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति का साधन बने सदन- विधानसभा अध्यक्ष

जयपुर, 22 जनवरी। 
विधानसभा अध्यक्ष  कैलाश मेघवाल ने कहा है कि आज राजस्थान एक नई करवट लेने की दिशा में आगे बढ़ रहा है तथा कई तरह की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए यह प्रदेश आशान्वित है। यह सदन इन अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओं की पूर्ति का साधन बने यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद बुधवार को सदन में सदस्यों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए श्री कैलाश मेघवाल ने कहा कि संसदीय प्रणाली में स्पीकर अपनी पार्टी से त्यागपत्र देकर दलीय पद्घति से ऊपर उठ जाने के कारण सदन में होने वाली बहस या वाद-विवाद में अपनी राजनीतिक विचारधारा की छाया नहीं पडऩे देता।
श्री मेघवाल ने पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों को आश्वस्त किया कि सभी को अपनी बात कहने का पूर्ण अवसर मिलेगा। उन्होंने ब्रिटेन में प्रचलित उक्ति 'द स्पीकर इज वन हू स्पीक्स मिनिममÓ का उल्लेख करते हुए कहा कि सदस्य अपने विचार रखते समय सदन संचालन की प्रक्रिया, नियम, उपनियम, परम्परा एवं दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन करते हैं, तो आसन की ओर से सामान्यत: कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाता। अवहेलना या पालना नहीं होने पर ही स्पीकर हस्तक्षेप करने को बाध्य होता है।
उन्होंने सदस्यों से कहा कि आप द्वारा सदन में उठाए जाने वाले मुद्दे, वाद-विवाद या बहस के विषय ऐसे होने चाहिए जो राजस्थान के सभी क्षेत्रों में सामने आ रही चुनौतियों का समाधान करें। उन्होंने सदस्यों को सलाह दी कि वे प्रश्नकाल को स्थगित करने, बार-बार वैल में आने और वॉकआउट करने की प्रवृत्ति से बचें।
मेघवाल ने कहा कि सदन ने जो गुरुतर दायित्व सौंपा है, उसका मैं हृदय से आभारी हूं। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना मेरे राजनीतिक सफर की विशिष्ट उपलब्धि है और साथ ही मेरे लिए यह गौरव तथा संतोष का विषय भी है। इससे पहले श्री मेघवाल ने प्रोटेम स्पीकर श्री प्रद्युम्न सिंह तथा उनके सहयोगी सुंदरलाल, नारायण सिंह और घनश्याम तिवाड़ी का सदन के गरिमामय संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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