मंत्रिमंडल के गठन पर इन मंत्रियों पर मंत्रणा
जयपुर।
प्रदेश में भारी बहुमत के बाद भारतीय जनता पार्टी में सरकार और मंत्रिमंडल के गठन की कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पद के लिए वसुंधरा राजे 13 दिसंबर को शपथ लेंगी। उनके साथ आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के शपथ लेने की तैयारी भी की जा रही है।
इधर, राजभवन से आज सरकार के गठन के लिए पत्र भाजपा प्रदेशाध्यक्षा को भेजे जाने की संभावना है। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में विधानसभा का सत्र बुलाकर शपथ ग्र्रहण व विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, सरकारी मुख्य सचेतक व उपमुख्य सचेतक सहित विभिन्न पदों पर चयन किया जाएगा।
खासाकोठी में ठहरेंगे
सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि विधायकों को खासा कोठी, आरटीडीसी के होटलों व ओटीएस कैंम्पस में ठहराया जाएगा। साथ ही विभाग के दो अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए भी तैनात किया गया है, ताकि विधायकों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो।
विस्तार लोकसभा चुनाव बाद
मंत्रिमंडल की प्रारंभिक कवायद के बाद अगला विस्तार लोकसभा चुनाव के बाद होने की संभावना है। प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से करीब डेढ़ दर्जन नए मंत्रियों का निर्णय लोकसभा चुनाव में क्षेत्रवार विधायकों के कार्य को देखने के बाद ही किया जाएगा। वहीं करीब दो दर्जन संसदीय सचिव भी बनाए जा सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए तिवाड़ी-सिंह पर विचार
पिछली सरकार में मंत्री रहे घनश्याम तिवाड़ी को इस बार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है। इसके अलावा शाहपुरा से राव राजेन्द्र सिंह भी इस पद के लिए दावेदारों में माने जा रहे हैं।
इनको मिल सकता है खास पद
लालचंद कटारिया
क्या : गृह विभाग
क्यों: भाजपा सरकार में गृह और शिक्षा विभाग संभाला था। चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सांवरलमल जाट
क्या : जलदाय
क्यों: पूर्व सरकार में जलदाय मंत्री पद पर रहे थे। इस बार भी प्रबल दावेदारी।
कालीचरण सराफ
क्या : शिक्षा या उद्योग
क्यों: छह बार विधायक और दो बार मंत्री रहे। पिछली सरकार में शिक्षा विभाग संभाला था।
नरपत सिंह राजवी
क्या : उद्योग व चिकित्सा
क्यों: पूर्व सरकार में उद्योग व चिकित्सा विभाग का कार्यभार संभाला। इस बार भी मिलेगा मौका।
युनूस खान
क्या : परिवहन विभाग
क्यों: अल्पसंख्यक नेता के रूप में अच्छी छवि, पिछली सरकार में परिवहन विभाग संभाला था।
नंदलाल मीणा
क्या : जनजाति विकास
क्यों: जनजाति क्षेत्र में अच्छी पकड़ के कारण इस बार सरकार में मौका मिल सकता है।
कालूलाल गुर्जर
क्या : पंचायती राज
क्यों: पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में अच्छी पकड़। पिछली सरकार में पंचायती राज विभाग संंभाला था।
संतोष अहलावत
क्या : जलदाय विभाग
क्यों: पिछली सरकार में बीसूका की उपाध्यक्ष रहीं। इस बार जाट के रूप में मंत्री पद के लिए दावेदार होगी।
ये हो सकते हैं नई टीम के हीरो
सुनील अरोड़ा : अभी रीको चेयरमैन और उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव हैं। वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में अरोड़ा उनके प्रमुख सचिव थे।
राजीव महर्षि : अभी दिल्ली में पद स्थापित। पिछले कार्यकाल में वित्त विभाग की कमान संभाली थी।
तन्मय कुमार: पिछले कार्यकाल में सचिवालय में विशिष्ठ सचिव के पद पर रह चुके हैं।
डीबी गुप्ता: पिछली भाजपा सरकार में जेडीसी व नगरीय विकास विभाग में अच्छे पद पर रहे हैं।
रोहित कुमार सिंह: पूर्व भाजपा सरकार में जनसम्पर्क व आईटी विभाग की कमान संभाल चुके सिंह इन दिनों दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
अखिल अरोड़ा: जयपुर कलक्टर रह चुके हैं और सरकार की गुडबुक के अधिकारी माने जाते हैं।
कृष्ण कुनाल: गोपालगढ़ कांड के समय भरतपुर कलक्टर थे। पिछली सरकार में निलंबन के लंबे समय बाद बहाल हुए।
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