कांग्रेस ने दिया 56 हजार करोड़ का घाटा ! 
जयपुर। 
राजस्थान में सरकार बदलते हुए पूर्व सरकार के कामों और योजनाओं की परतें खोली जाने लगी है। ताजा मामला बिजली कंपनियों के घाटे से जुड़ा है। प्रदेश की बिजली कंपनियों को पिछले पांच साल में बिजली ने तगड़ा झटका दिया है। पांच वष्ाü पहले बिजली कंपनियों का घाटा 15 हजार करोड़ रूपए था, जो अब बढ़कर 71 हजार करोड़ रूपए पहुंच गया है। 
कंपनियों के बढ़ते घाटे को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने गंभीर मानते हुए घाटे को कम करने की दिशा में सख्त कदम उठाने व इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने की बात कही है। 

शुरू होगी मॉनिटरिंग 

अब प्रभावी मॉनिटरिंग कर बढ़ते घाटे को रोकने व कम करने की कवायद जल्द शुरू होगी। ऊर्जा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि वष्ाü 2008 में विद्युत कंपनियों का घाटा 15 हजार करोड़ रूपए था, जिसमें वर्तमान में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है और दिसंबर 2013 में घाटा बढ़कर 71 हजार करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। 

चोरी बनी सप्लाई में बाधा

बिजली चोरी व छीजत के कारण प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है। वहीं राज्य सरकार को अन्य राज्यों से महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिजली आपूर्ति में छीजत बीस फीसदी से ज्यादा हो रही है, जिसे कम करने के लिए जल्द ही प्रभावी एनर्जी ऑडिट कराई जाएगी। 

फीडर होंगे दुरूस्त

बिजली आपूर्ति सामान्य रूप से बहाल रखने व बिजली चोरी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए बिजली फीडरों को दुरूस्त किया जाएगा। 

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