बढ़ सकती हैं नरेंद्र मोदी की मुश्किलें
नई दिल्ली/अहमदाबाद। एक महिला वास्तुकार की अवैध जासूसी के मामले में घिरे गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जासूसी मामले से जुड़े अहम किरदार निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को हलफनामा दायर किया है।
इस हलफनामे में शर्मा ने समाचार वेबसाइट कोबरापोस्ट और गुलेल के हालिया खुलासे में सामने आए ऑडियो टैप्स की सीबीआई जांच की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें आपराधिक मामलों में इसलिए फंसाया गया है, क्योंकि वह मोदी और उस महिला के बीच करीबी रिश्तों का राज जानते थे।
शर्मा ने यह भी कहा है कि उनके ऊपर फर्जी मामले दायर किए गए, क्योंकि मोदी को ऎसा लगता था कि उनके पास गुजरात सीएम से जुड़ी एक अहम वीडियो सीडी है।
स्वत: संज्ञान ले शीर्ष कोर्ट
शर्मा ने 19 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट में मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने गुजरात सरकार के वकील की आपत्ति पर उन्हें हलफनामा दायर करने को कहा था।
शर्मा ने कोर्ट से कोबारापोस्ट और गुलेल के खुलासे पर स्वत: सेज्ञान लेकर इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऑडियो टेप में इसके पर्याप्त सबूत है, जिसमें उनके ऊपर गलत तरीके से आपराधिक आरोप लगाए गए है।
हलफनामे में प्रदीप शर्मा की दलील एवं मांग
- टेलीग्राफ अधिनियम 1885 के उल्लंघन की सीबीआई जांच हो
- मोदी, अमित शाह और मामले में लिप्त अन्य लोगों की भूमिका की पड़ताल हो
- मेरा छोटा भाई और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा ने गोधरा दंगों में मोदी सरकार के गलत कृत्यों को उजागर किया था, इसलिए भी मुझे फंसाया गया
- जासूसी मामले में नरेंद्र मोदी ही प्रतिवादी नंबर तीन हैं
कौन हैं प्रदीप शर्मा
1984 बैच के आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा पर छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें भुज जिले में वष्ाü 2008 में एक निजी फर्म को अवैध रूप से भूमि आवंटित करने का मामला भी है। उन्हें 6 जनवरी 2010 को गिरफ्तार किया गया था। तब वह भावनगर के नगर निगम आयुक्त थे।
यह है मामला
कोबरापोस्ट और गुलेल ने गुजरात के पूर्व गृहमंत्री व मोदी के करीबी अमित शाह और एक आईपीएस अधिकारी के बीच हुई बातचीत के टेप जारी किए थे जिससे खुलासा हुआ था कि शाह ने किसी "साहेब" के इशारे पर एक महिला आर्किटेक्ट की अवैध रूप से जासूसी की गई थी। शर्मा ने कहा है कि उन्होंने ही 2004 में मोदी और 27 वर्षीय इस महिला आर्किटेक्ट की मुलाकात कराई थी।
मोदी चुप क्यों : प्रिया दत्त
सरकारी एजेंसियों द्वारा एक महिला की कथित गैर कानूनी जासूसी पर मोदी की चुप्पी को समझ पाना मुश्किल है। विभिन्न महिला संगठनों की मांग के बावजूद उन्होंने अपनी चुप्पी क्यों नहीं तोड़ी?
- प्रिया दत्त, सांसद, कांग्रेस (वड़ोदरा में)
केंद्र कोई भूमिका नहीं निभाएगा : खुर्शीद
गुजरात में कथित रूप से मोदी के इशारे पर एक महिला की जासूसी संबंधी प्रकरण में केंद्र सरकार अभी कोई भूमिका नहीं निभाने जा रही है। इस मामले को महिला आयोग देख रहा है और वही कोई निर्णय लेगा। मोदी ने अपने सहयोगी अमित शाह को "कूड़ादान" बना रखा है, जिसमें वह खुद पर पड़ा सारा कूड़ा डाल देते हैं। वह समय दूर नहीं है जब यह कूड़ेदान भर जाएगा और सारा कूड़ा बिखर जाएगा।
- सलमान खुर्शीद, विदेश मंत्री, नेता कांग्रेस (फर्रूखाबाद में )
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