कैसे हुई जयपुर में डकैती की वारदात 
जयपुर। 
कार्यालय में काउंटर पर बैठा था, तभी अंदर घुसे तीन डकैतों में से एक ने उसके चेहरे पर जोर से मुक्का मारा। पलभर उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। वो कुछ समझ पाता, इससे पहले उसने पीठ पर रिवॉल्वर लगा दी।
गार्ड को घसीटने से फर्श पर खून फैल गया था। दो तीन कर्मचारियों के मोबाइल तोड़ दिए। एक डकैत ने कहा कि राजपूत कर्मचारी को मारना नहीं। वारदात के समय कंपनी मैनेजर आनंद सिंह काम के संबंध में बाहर थे।
शुक्रवार को सायरन खराब होने के कारण शनिवार को इलेक्ट्रीशियन रिपेयरिंग के लिए आया था। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि इलेक्ट्रीशियन रोजाना ब्रांच में आता है। डकैतों के जाने के करीब बीस मिनट बाद मैनेजर को और पुलिस को फोन किया। पुलिस कर्मचारियों से भी अलग-अलग पूछताछ कर रही है।

आधे घंटे बाद ही आ गए डकैत
कंपनी का कार्यालय 9:30 बजे खुलता है। गार्ड सहित पांच कर्मचारी काम करते हैं। ग्राउंड फ्लोर पर कांच की दुकान करने वाले आलम ने बताया कि 10 बजे पानी लेने उपर गया तो पांच लोग हेलमेट लिए हुए गोल्ड लोन फर्म के बाहर खड़े थे। वह वापस लौटा तो उसके कुछ देर बाद पांचों लोग नीचे उतरकर सड़क किनारे खड़ी कार में बैठे और तेजी से कार को दौड़ाकर ले गए। पुलिस ने रैकी के बाद वारदात करना बताया है।

सुरक्षा के लिए कहा था
विद्याधर नगर निवासी जवाहरात व्यापारी रोहित सोनी ने बताया कि चार माह पहले परिवार का पूरा सोना गिरवी रखकर 9 लाख रूपए का ऋण लिया था। सोने का 65 प्रतिशत रूपए ऋण के दिए थे। कुछ साल पहले नजदीक एक बैक के गार्ड की हत्या करने का हवाला देते हुए सुरक्षा के लिए पूछा था। लेकिन उनकी बात को कर्मचारी टाल गए। अब कोई जवाब देने वाला नहीं है। उनका क्या होगा।

सोना लेने आई, पता चला लूट गया
मुरलीपुरा स्कीम निवासी शांति देवी दस ग्राम सोने के जेवर गिरवी रख बीस हजार रूपए ऋण लिया। शनिवार को वह रूपए देकर सोना वापस लेने पहुंची, लेकिन पता चला कि उसका सोना लूट गया। शांति ने बताया कि कंपनी वालों ने अब सोमवार को आने के लिए कहा है।

ये पूरी तस्दीक के बाद खोलते हैं ताला
सीकर रोड ढेहर का बालाजी स्थित मण्णप्पुरम गोल्ड लोन की ब्रांच में 5.50 किलो सोना लूट की वारदात का 9 माह बाद भी खुलासा नहीं हुआ। मण्णप्पुरम की तहर ही आईआईएफएल में डकैतों ने वारदात को अंजाम दिया।

फर्क इतना ही है कि आईआईएफएल में डकैतों ने गोली नहीं चलाई। शनिवार को मण्णप्पुरम में की इस ब्रांच का चेनल गेट पर दो ताले लगे थे। गेट के बाहर गार्ड बैठा था और चाबी अंदर मैनेजर एमएल माचीवाल के पास थी। तस्दीक करने और पहचान पत्र देखने के बाद गार्ड ने मैनेजर को ताला खोलने के लिए बुलाया।

यहां वारदात के समय कार्यरत कर्मचारी निशा ने आईआईएफएल में वारदात की जानकारी सुनते ही यही पूछा कि वहां किसी को गोली तो नहीं लगी। उसकी आंखों में डकैतों का खौफ आज भी झलक रहा था।

मैनेजर ने बताया कि लूटा हुआ सोना तो नहीं मिला, लेकिन कंपनी ने यहां 251 लोगों का गिरवी रखा सोने में से 152 को सोना लौटा दिया। लेकिन 99 लोगों का सोना वापस देना है।

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