निर्विरोध बीसीसीआई अध्यक्ष चुने गए श्रीनिवासन
चेन्नई।
विश्व की सबसे अमीर खेल संस्थाओं में से एक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रविवार को वार्षिक आम बैठक में श्रीनिवासन को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया। श्रीनि को लगातार तीसरी बार बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया है, हालांकि बिहार क्रिकेट संघ की याचिका पर उच्चतम न्यायालय का अंतिम निर्णय आने तक श्रीनिवासन अपना कार्यभार नहीं संभालेंगे। गौरतलब है कि बिहार संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने अदालत में याचिका दायर कर श्रीनिवासन के दोबारा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की अपील की थी। इस दौड़ में श्रीनि अकेले उम्मीदवार थे। 

निर्विरोध बीसीसीआई अध्यक्ष चुने गए श्रीनिवासनइस चुनाव में श्रीनि को तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन, आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन, कर्नाटका स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन, केरल क्रिकेट एसोसिएशन, हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन और गोवा क्रिकेट एसोसिएशन से पूरा पूरा समर्थन मिला और उनके खिलाफ एक भी वोट नहीं गया। 


कभी बीसीसीआई के निर्विवाद सर्वेसर्वा माने जाने वाले श्रीनिवासन फिलहाल कई तरह की परेशानियों से घिरे हैं। आईपीएल-6 में दामाद गुरूनाथ मयप्पन का नाम सट्टेबाजी में आने के बाद उन्हें बोर्ड अध्यक्ष के नियमित कामकाज से खुद को अलग करना पड़ा था।

हालांकि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार श्रीनि उनके और बोर्ड के खिलाफ चल रहे मामले पर अंतिम फैसला आने तक अध्यक्ष पद नहीं संभाल सकेंगे।

इस बीच संजय पटेल बोर्ड के सचिव जबकि अनि रूद्ध चौधरी कोषाध्यक्ष पद पर चुने गए हैं। हरियाणा क्रिकेट संघ के सचिव अनिरूद्ध चौधरी श्रीनिवासन के समर्थक माने जाते हैं। आईपीएल छह में सट्टेबाजी और फिक्सिंग की जांच से नाराज संजय जगदाले और अजय शिर्के के क्रमश इन पदों से इस्तीफा देने के बाद यह पद खाली हो गए थे।

इसके अलावा पांच जोन के उपाध्यक्ष भी निर्विरोध चुन लिए गए हैं। इनमें राजीव शुक्ला को सेंट्रल जोन, एस के बंसल को नोर्थ जोन, रवि सावंत को वेस्ट जोन, शिवलाल यादव को साउथ जोन और चित्रक मित्रा को ईस्ट जोन का उपाध्यक्ष चुना गया है। अनुराग ठाकुर को संयुक्त सचिव बनाया गया है। आईपीएल-छह में अपने दामाद गुरूनाथ मेयप्पन का नाम सट्टेबाजी में आने के बाद से 68 वर्षीय श्रीनिवासन लगातार परेशानियों में घिरे रहे थे, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा कर अपने इरादे साफ कर दिए थे। 

हालांकि श्रीनिवासन ने खुद को बोर्ड अध्यक्ष के नियमित कामकाज से दूर रखा है और यह जिम्मेदारी जगमोहन डालमिया को दे रखी है। श्रीनिवासन की जीत इसलिए पुख्ता मानी जानी जा रही थी क्योंकि उन्हें दक्षिण क्षेत्र की सभी छह इकाइयों का समर्थन हासिल था जिससे उन्हें बोर्ड अध्यक्ष के तौर पर एक साल का विस्तार मिलने में कोई परेशानी नहीं हुई।

छह इकाईयों का समर्थन

अध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल करने के लिए एक प्रस्तावक और एक अनुमोदक की जरूरत होती है जो निवर्तमान अध्यक्ष के ही जोन का होना चाहिए। गोवा व आंध्र क्रिकेट संघ पहले उनका साथ नहीं देना चाहते थे, लेकिन श्रीनिवासन ने उन्हें मना लिया। दक्षिण के छह संघ (तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, हैदराबाद व गोवा) उनके साथ रहे जिससे किसी दूसरे प्रत्याशी के खड़े होने की संभावनाएं ही समाप्त हो गई। कहा जा रहा है कि श्रीनिवासन ने इन छह राज्य संघों को रिझाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। महाबलीपुरम के एक लक्जरी रिसॉर्ट में सदस्यों के लिए दो दिन का प्रवास और शुक्रवार रात शहर के पांच सितारा होटल में दी गई भव्य पार्टी इसमें कारगर साबित हुए।

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