बुलेट प्रूफ जैकेट भेद छलनी कर गई गोलियां
नई दिल्ली।
जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर की सरला पोस्ट पर पाकिस्तान के हमले को लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई है। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक हमला भारतीय सेना के यूनिट और ब्रिगेड लेवल पर कमांड और कंट्रोल के फेल होने के कारण हुआ था। सैनिकों ने जो बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखे थे वे काम नहीं कर रहे थे।
तीन जवानों को नजदीक से छाती में मारी गोलियां
तीन जवानों को काफी नजदीक से छाती में गोलियां मारी गई थी। सूत्रों के मुताबिक या तो जवानों ने स्टैण्डर्ड बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहन रखे थे या जैकेट काम नहीं कर रहे थे। चौथे जवान को आंखों के बीच गोलियां मारी गई थी। पांचवें जवान को हाथ और पैरों में गोलियां मारी गई थी। बहुत ज्यादा गोलियां लगने के कारण उसकी मौत हुई थी।
साइलेंसर लगे हथियारों का किया था इस्तेमाल
हमले में घायल हुआ जवान संभाजी कुटे आईसीयू में भर्ती है। वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है। उस रात की घटना के संबंध में कुटे का बयान काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। राजौरी स्थित 25 डिवीजन कमांडर मामले की जांच कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप के हमलावरों ने जवानों की हत्या के लिए शायद साइलेंसर लगे हथियारों का इस्तेमाल किया था।
लॉकल कमांडरों ने क्यों नहीं दिया करारा जवाब
संभाजी कुटे भाग्यशाली थे जो घायल होने के बाद भागने में कामयाब हो गए। सूत्रों के मुताबिक गश्त पर गए पांचों जवानों को झपकी आ गई थी। यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि लॉकल यूनिट कमांडर ने उस वक्त मोर्टारों और आर्टिलरी फायरिंग का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जब पांच जवानों के शहीद होने की जानकारी मिल चुकी थी। गौरतलब है कि 8 जनवरी को पाकिस्तान के हमले के बाद सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने लॉकल कमांडरों को साफ बता दिया था कि अगर दोबारा हमला हो तो कड़ाई से जवाब दें लेकिन कमांडरों ने ऎसा नहीं किया।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें