राजस्थानी" के लिए आर-पार की लड़ाई 

चन्दन सिंह भाटी सहित सौलह जने होंगे सम्मानित 

बाडमेर। 
राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर 8 जून को बाडमेर के महात्मा ईसरदास चारण छात्रावास परिसर में राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव का आयोजन होगा। इसी दिन संघर्ष की भावी रणनीति भी तय की जाएगी। 
महोत्सव के मुख्य आयोजक अर्जुन देथा का कहना है कि महोत्सवके पश्चात भी इस मांग को लेकर प्रदेशभर में आयोजनों का दौर चलेगा जो प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदलकर रख देगा। उन्होंने कहा कि राजस्थानी की मान्यता से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा तथा दिल्ली एवं राजस्थान में सरकार के समक्ष चुनौती खड़ी की जाएगी। 
जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति विकास संस्थान की ओर से आयोजित हो रहे इस महोत्सव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महोत्सव के मुख्य आयोजक अर्जुन देथा तथा समिति के प्रदेशमहामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ का दावा है कि महोत्सव में बाडमेर जैसलमेर जोधपुर पाली जालौर सिरोही नागौर और बीकानेर जिलों सहित राज्य के अन्य हिस्सों एवं सीमावर्ती राज्यों से भी हजारों की तादाद में लोग जुटेंगे। 

22 लोग होंगे सम्मानित
महोत्सव में राजस्थानी भाषा,साहित्य तथा संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 16 लोगों को राजस्थानी रत्न सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान पद्मश्री विजयदान देथा संघर्ष समिति के संस्थापक तथा अंतरराष्ट्रीय संगठक लक्ष्मणदान कविया राजस्थानी साहित्यिक पत्रिका "अपरंच" के संपादक पारस अरोडा "कथेसर" के संपादक रामस्वरूप किसान राजस्थानी दैनिक "राजस्थान री पाती" के संपादक आनंद पुरोहित वरिष्ठ मीडियाकर्मी चंदनसिंह भाटी प्रसिद्ध लेखक व इतिहासकार नाहरसिंह जसोल शिक्षाविद् तथा साहित्यकार डॉ. शक्तिदान कविया तथा राजस्थानी साहित्यकार डूंगरदान आसिया महादान भादरेस रामदान सांगड अम्बादान घूहड खीमदान बारहठ साहित्यकार मूलाराम चौधरी तथा बाबूसिंह राठौड़ जेठ मॉल पुरोहित ,ओम प्रकाश गर्ग ,खुशाल नाथ धीर ,नखत दान बारहट और रिडमल दान को प्रदान किया जाएगा। 

राजस्थानी भाषा महोत्सव का पोस्टर विमोचन 
राजस्थानी भाषा को संवेधानिक दर्ज मिलने तक लडाई लड़ेंगे ..बारहट 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति विकास संस्थान की और से आठ जून को होने वाले राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव के पोस्टर का विमोचन गुरूवार को अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट के मुख्य आतिथ्य ,राजस्थानी साहित्यकार दलपत सिंह ,की अध्यक्षता और संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के विशिष्ठ आतिथ्य में डाक बंगलो में किया गया .इस अवसर पर समिति के पाटवी रिडमल सिंह दांता उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश पुरोहित ,डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,जैसलमेर समिति के मंत्री सिकंदर शेख ,बालोतरा पाटवी भीखदान चारण , मोटियार परिषद् के हिन्दू सिंह तामलोर ,अशरफ अली ,जिला प्रवक्ता रमेश सिंह इन्दा ,सवाई चावड़ा ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे .इस अवसर पर महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट ने कहा की राजस्थानी भाषा की संवेधानी मान्यता के लिए अब आर पार की लड़ाई होगी ,उन्होंने कहा की सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य आम जन को राजस्थानी भाषा के अभियान से जोड़ना हें .उन्होंने कहा की इस चुनावी साल में राजस्थानी भाषा प्रेमी मान्यता के लिए अनुनय विनय नहीं करेंगे ,भाषा का हमारा अधिकार हें वो अब छीनकर लेंगे .इस अवसर पर दलपत सिंह चारण ने कहा की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे कई अरसा हो गया .राजनेताओ की इच्छा शक्ति के अभाव में राजस्थानी भाषा मान्यता में पिछड़ गई .इस अवसर पर राजस्थानी नेता चन्दन सिंह भाटी ने कहा की राजनितिक लोगो को सबक सिखाया जाएगा ,जो राजस्थानी भाषा की बात करेगा उसी का समर्थन किया जाएगा ,उन्होंने कहा की अपनी मायद भाषा की मान्यता के लिए कई दशको तक किसी को आन्दोलन नहीं करना पडा .उन्होंने कहा की जरुरत पडी तो राजस्थानी भाषा जागरूकता रथ यात्रा भी निकालेंगे .इस अवसर पर डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,इंद्र प्रकाश पुरोहित ,रिडमल सिंह दांता ने भी अपनी बात रखी .समिति ने बाड़मेर के बुद्धिजीवियों से इस सम्मलेन में अधिक से अधिक संख्या में पहुँचाने का आह्वान किया हें .


गाँव गाँव ,ढाणी ,ढाणी जाकर लोगो को निमंत्रण
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति विकास संस्थान की और से आठ जून को होने वाले राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव की सफलता सुनिश्चिंत करने के लिए कार्यक्रम संयोजक अर्जुन दान देथा ने गुरूवार को कई शिव ,गूंगा ,भियांड ,रतकुडिया ,चोचरा ,आरंग ,बोनाडा ,मेहरेली ,ओला ,डांगरी ,सांडा ,फतेहगढ़ ,खोडाल ,राजडल ,देवका ,झाम्फाली ,बालासर ,भाडली झानाकाली ,हरसानी ,खरची ,मौसेरी और बालेबा का दौरा कर लोगो को साहित्य सम्मलेन में भाग लेने का न्यौता दिया देथा ने बताया की गाँवो में राजस्थानी भाषा को लेकर ज़बरदस्त जागरूकता हें .राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए हर जंग में साथ देने को तैयार हें ,उन्होंने बताया की राजस्थानी सम्मलेन में ग्रामीण अंचलो से हज़ारो लोग शिराकर , गाँव गाँव ,ढाणी ,ढाणी जाकर लोगो को निमंत्रण दिया गया .

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