"राजस्थान के 40 लाख घरों में बिजली नहीं"
टोडाभीम/करौली।
सुराज संकल्प यात्रा के दौरान राजे बुधवार को करौली जिले के टोडाभीम कस्बे में एक सभा में बोल रही थी। इसके अलावा भी राजे ने करीब दर्जनभर उन स्वागत कार्यRमों को भी सम्बोधित किया,जो सभा में बदल गये। करीब 40 जगह राजे का जोरदार स्वागत हुआ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीब को गरीब ही रखा। कभी उसके उत्थान के बारे में नहीं सोचा जो भी गरीबों के लिये योजनाएं बनाई उनके पीछे कांग्रेस का मकसद खुदका घर भरने का रहा। इसलिये गरीब और अमीर की खाई कम नहीं हुई,बढ़ती ही गई।
गोपालगढ़ में मौतों की जिम्मेदार गहलोत सरकार
वसुन्धरा राजे ने कहा कि विपक्ष तो सरकार पर आरोप लगाता ही है,लेकिन इस सरकार पर तो इस सरकार के मंत्री ही बरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हबीबुल्ला है,जिन्हें इनकी केन्द्र सरकार ने ही नियुक्त किया है। उन्होंने जयपुर में एक कार्यRम में साफ-साफ कहा कि गोपालगढ़ कांड में सरकार ने अपने ही लोगों पर गोलियां चलवाई। गोपालगढ़ कांड में कई बेकसूर लोगों की जान गई। इस घटना को समझदारी से रोका जा सकता था। लेकिन सरकार ऎसा नहीं कर पाई। हबीबुल्ला ने ये भी कहा कि गहलोत सरकार इन बेकसूर लोगों की मौतों की जिम्मेदार है। ये सरकार का फेल्योर है। राजे ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग गोपालगढ़ कांड में जिस सरकार को दोषी मान रहा है उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।
मंत्री ही बता रहे हैं सरकार को जीरो
वसुन्धरा राजे ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही नहीं,इस सरकार को तो इस सरकार के नुमाइंदे भी जीरो बता रहे हैं। राज्य के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमीन खां ने एक कार्यRम में सार्वजनिक रूप से कहा कि प्रधानमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण के 15 सूत्रीय कार्यRम में राजस्थान सरकार ग्राउण्ड लेवल पर जीरो है। इनकी सरकार के मंत्री ही सरकार के काम काज को जीरो नम्बर दे रहे हैं।
किसी का हक नहीं छीनेंगे
वसुन्धरा राजे ने कहा कि लोग भ्रम फैला रहे हैं कि हम आरक्षण में किसी का हक छीनेंगे। उन्होंने कहा कि हमने मौजुदा आरक्षण से छेड़छाड़ किये बिना ही गुर्जर सहित विशेष पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछडे हुए लोगों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया था। जिसे ये सरकार 9वीं अनुसूची में डलवाती तो इसका सभी को लाभ होता। सरकार के दो केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा और सचिन पायलट केन्द्र में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं,वे भी आरक्षण विधेयक 2008 को 9वीं अनुसूची में डलवाते तो अच्छा रहता।
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