समग्र विकास के लिए जरूरी है इंटरनेट पर सूचनाओं की पारदर्शी उपलब्धता

- डॉ. दीपक आचार्य
आज उदारीकरण और वैश्वीकरण का युग है जिसमें पूरी दुनिया संसार भर के लोगों के लिए कौटुम्बिक परिदृश्य का अहसास कराने लगी है। इक्कीसवीं सदी की यह सबसे बड़ी उपलब्धि ही कही जाएगी कि लोग आज दुनिया अपनी मुट्ठी में होने की बातें करने लगे हैं। निश्चय ही वैश्विक और उदारवादी सोच ने हमारी मानसिकता, कार्यपद्धति और लोक व्यवहार में बदलाव का सशक्त आधार तय किया है। लेकिन इसे अभी गाँव के आम नागरिक से लेकर पहाड़ों, जंगलों, ढांणियों और दुर्गम क्षेत्रों तक में रहने वाले लोगों तक पहुँचाने की जरूरत शेष है।

सब कुछ जनता के लिए खुला हो
सम्पूर्ण सूचना क्रांति का जो स्वरूप हमारे सामने अब तक आ जाना चाहिए था वह अभी तक नहीं आ पाया है और इसका मूल कारण यह है कि हमारे प्रयासों को अपेक्षित गति प्राप्त नहीं हो पायी है। इस मामले में सदियों से बंधे-बंधाये ढर्रे में रहे लोगों और संस्थाओं को भी पारंपरिक सोच त्यागकर सब कुछ जनता के हित में खुला रखने को अपनाना होगा।
हालांकि चौतरफा प्रयास खूब व्यापकता के साथ जरूर हो रहे हैं फिर भी मौजूदा परिप्रेक्ष्य में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के विस्तार विकास के लिए इस दिशा मंे किये जा रहे प्रयासों को और अधिक तेज किये जाने की जरूरत है। आज व्यष्टि और समष्टि के बारे में सारी जानकारियां इन्टरनेट पर उपलब्ध होने लगी हैं जहाँ वैब पर विश्व के किसी भी कोने में बैठ कर इसे देखा और डाउनलोड़ किया जा सकता है।

दुनिया भर है जुड़ी हुई
इस दृष्टि से इन्टरनेट के जरिये सूचना क्रांति का जो विस्फोट हुआ है वह आम आदमी से लेकर किसी भी जरूरतमन्द संस्थान, क्षेत्र या प्रदेश-देश के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। इससे वैश्विक परिवर्तनों, नित हो रहे नवीन अनुसंधानों और प्रयोगों आदि के बारे में क्षेत्र विशेष के हुनरमंद लोगों को परिचित कराने में ख़ास मदद मिली है।
सूचना प्रौद्योगिकी के विविधताओं भरे इन प्रयोगों ने दुनिया को इतना कुछ देना शुरू कर दिया है जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। आज सरकारी और गैर सरकारी तथा निजी क्षेत्रों की अपनी वैबसाईट्स, ब्लॉग्स हैं जिन पर सभी प्रकार की वह जानकारी उपलब्ध है जो आम लोगों तथा विशेषज्ञों के लिए जरूरी, प्रेरक तथा मार्गदर्शक है।

पारदर्शिता ही है सूचनाओं की अहम बुनियाद

जहाँ-जहाँ पारदर्शिता है वहाँ सूचनाओं के जगजाहिर होने से आम लोगों को फायदा ही होता है लेकिन जहाँ पारदर्शिता का अभाव दिखाई देता है वहाँ सूचनाओं को सार्वजनीन करने के काम में थोड़ी दिक्कतें आ सकती हैं किन्तु असंभव कुछ भी नहीं है। कुछ समय पहले तक इस प्रक्रिया पर भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आती रही लेकिन अन्ततोगत्वा आज स्थिति यह है कि अब इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है और वैश्विक परिवर्तन तथा सकारात्मक तरक्की के कई सारे द्वार अपने आप खुलने लग गए हैं।

जिन प्रतिष्ठानों, जिलों व संस्थानों की वैब साईटें, ब्लॉग्स आदि संचालित हैं उन्हें सूचना क्रांति का पूरा लाभ प्रत्यक्ष भी मिला है और परोक्ष भी। नवीनतम विधाओं को अंगीकार करने का अर्थ ही यह है कि हम अब विकास की दौड़ में निरन्तर आगे बढ़ते और छलांग लगाते जा रहे हैं।

आज सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र विराट है जिसका जितना लाभ लिया जाए उतना कम है। जरूरत है तो इस बात की कि हमारे हक़ में हम इन विधाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और इसकी उपयोगिता को मन से स्वीकारें।

लाभ लेना होगा अत्याधुनिक संचार तंत्र का

आज इन्टरनेट और कम्प्यूटर विधाओं के इस्तेमाल को प्रगति के लिए मुख्य कारक मान लिया गया है। दुनिया में निरन्तर आते जा रहे विकासकारी बदलाव के दौर में हमें सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और बहुविध विकास और सकारात्मक परिवर्तन के लिए इन विधाओं को पूरे मन से अपनाना समय की महती आवश्यकता हो गया है।
यह अनिवार्यता हमारे विकास को बहुगुणित करने वाली सिद्ध हो रही है। वैश्वीकरण और उदारीकरण के चलते सूचना-प्रौद्योगिकी का इतना अधिक विस्तार हुआ है कि संचार और सम्पर्क की दृष्टि से पूरी दुनिया छोटी हो गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्यों और बदलाव को सामने रख कर इन अत्याधुनिक विधियों को अपना कर विकास की धाराओं को और अधिक उपलब्धिमूलक और तीव्रतर बनाये जाने के हरसंभव व अनथक प्रयास सभी तरफ जारी हैं।

मानवीय संवेदनाओं का संतुलन भी बनाए रखना जरूरी

प्राच्य परंपराओं में वर्णित ‘परा मनोविज्ञान’ और टेलीपैथी को सामने रखकर सोचेें तो स्पष्ट पता चलेगा कि इन सूक्ष्मतर विधाओं का स्थूल रूप आज इन्टरनेट के स्वरूप में हमारे सामने है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरन्तर हो रही क्रान्ति के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं और इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है।
इन नवीनतम विधाओं के प्रयोग के साथ ही हमें मानवीय मूल्यों और संवदनाओं को भी पर्याप्त रूप से बरकरार रखना होगा ताकि विकास के असली मायने अच्छी तरह प्रतिबिम्बित हो सकें और मन, हृदय आदि धूमिल न होने पायें।

बटन दबाते ही हाजिर है पूरी दुनिया
सूचनाओं की आम जन के लिए उपलब्धता और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर केन्द्र एवं राज्य सरकारें भी गंभीर हैं। आजकल सूचनाओं की आम जन के लिए उपलब्धता और प्रशासनिक पारदर्शिता की राज्य एवं केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरूप विभिन्न विभागों, आयोगों और संस्थानों की वैब साईट पर संबंधित वांछित जानकारी जन साधारण के लिए सुलभ है। भारतवर्ष के विभिन्न जिलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, भौगोलिक स्थिति, बसावट एवं वेशभूषा, ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं नैसर्गिक रमणीयता से परिपूर्ण दर्शनीय स्थल, महत्त्वपूर्ण मेले और उत्सव, सांस्कृतिक-साहित्यिक एवं आंचलिक रंगों-रसों और वैविध्यपूर्ण परिवेशीय जानकारियां नेट से चंद क्षणों में बटन दबाते ही हम सभी के लिए हाजिर हैं।
वैब साईटों, ब्लॉग्स और सर्च इंजनों पर मानव संसाधन, जन शक्ति, रोजगार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम, भूमि उपयोग, कृषि उत्पादन एवं अनुसंधान, जल संसाधन एवं सिंचाई, पशु धन एवं पशुपालन, वन सम्पदा, खनिज सम्पदा, विद्युत शक्ति, सड़क, परिवहन एवं संचार, शिक्षा, साक्षरता एवं सतत शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, बैंकिंग एवं साख सुविधा, सहकारिता विकास, औद्योगिक गतिविधियों, समन्वित बाल विकास कार्यक्रम, महिला कार्यक्रम, सभी वर्गों के विकास के लिए संबंधित विभागों की ओर से संचालित कार्यक्रम, समाज कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन, महत्त्वपूर्ण आंकड़े, स्वयंसेवी संगठनों की रचनात्मक एवं वैकासिक भूमिकाओं आदि पर विस्तार से जानकारी उपलब्ध है।

संचार सेतु के साथ अन्तर्सम्बंधों में भी उपयोगी

इसके अलावा देश भर के जिलों में संचालित तमाम शैक्षिक संस्थाओं, राजस्व इकाइयों, ग्राम्यस्तरीय राजकीय संस्थाओं आदि की सारणियां, ग्राफ्स भी समाहित हैं। देश-विदेश के लोग जहाँ किसी भी हिस्से की जानकारी पा सकते हैं वहीं दुनिया के दूसरे मुल्कों में रहने वाले भारतवंशीय लोगों के लिए भी इंटरनेट सूचनाओं की त्वरित प्राप्ति का महास्रोत बना हुआ है।
सूचना प्रौद्योगिकी की ओर तेजी से डग बढ़ा रहे मौजूदा परिवेश में सूचनाओं की आम जनता तक पहुँच और शासन-प्रशासन के क्रियाकलापों, विकासकारी गतिविधियों की जानकारी का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार युगीन आवश्यकता होता जा रहा है।
नवीन सहस्राब्दी की मांग के अनुरूप आज पूरी दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी जगत के इतिहास में यह ऐतिहासिक एवं अभिनव प्रयोग साबित हो रहे हैं जिनके प्रति दुनिया वालों का सर्वाधिक रुझान देखा जा रहा है।

नवीन परिवर्तनों को स्वीकारें, लाभ लें
आज दुनिया भर के लोग बटन दबाते ही विश्व के किसी भी क्षेत्र की वांछित जानकारी पा सकते हैं और वैश्विक धरातल की धड़़कनों से रूबरू हो सकते हैं।
इन्टरनेट और वेब साईट से प्रदेश, देश एवं अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया जगत को भी दुनिया के किसी भी हिस्से के बारे में यथोचित जानकारी सुलभ होने लगी हैं वहीं पर्यटन, विकास, शोध और मानवीय परिवेश के विभिन्न आयामों तथा वैश्विक पहलुओं में परिवर्तन के लिए अध्ययन-अनुसंधान करने वाले जिज्ञासुओं के लिए भी ये महत्वपूर्ण जानकारियों का स्रोत सिद्ध हो रही हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे नवीन अनुसंधानों, परिवर्तनों आदि को अंगीकार कर जमाने की रफ्तार के अनुरूप डग बढ़ाना आज हमारी आवश्यकता ही नहीं बल्कि वह अनिवार्यता हो गई है जिसके बगैर हम विकासशील या विकसित होने का दावा नहीं कर सकते।

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