धरने पर बैठे परामर्शदाताओं का मामला, तीसरे दिन नजर आई गांधीगिरी 
जयपुर। जल भवन में बीते तीन दिन से जारी सम्प्रेषण एवं क्षमता संवर्द्धन इकाई (सीसीडीयू) के परामर्शदाताओं के धरने में बुधवार को गांधीगिरी से विरोध जताया गया। परामर्शदाताओं ने गांधीगिरी के जरिए अपनी बात मुख्य अभियंता (ग्रामीण) उमेश धींगड़ा के समक्ष रखी एवं उन्हें गुलाब के फूल देकर विरोध जताया। परामर्शदाताओं ने महात्मा गांधी की तस्वीर के समक्ष उम्मीद की मोमबित्तयां जलाइर्। इसे साथ-साथ धरना बुधवार को दिनभर जारी रहा। परामर्शदाता अनुबंध बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मांगे माने जाने तक धरना जारी रहेगा। 
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से चल रहे राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडबल्यूपी) के तहत इन परामर्शदाताओं की नियुक्ति जून 2011 में की गई थी। एक वर्ष पूरा होने के बाद उनका तीन माह तक अनुबंध बढ़ा दिया गया, परन्तु सितम्बर माह के बाद उनका अनुबंध अभी तक नहीं बढ़ाया गया है। इससे राज्य भर के परामर्शदाता परेशान हैं और उने समक्ष रोजीरोटी का भी संकट खड़ा हो गया है। प्रत्येक जिला मुख्यालय पर चार जिला स्तरीय परामर्शदाता हैं, जिनका पिछले दो माह से अनुबंध अवधि नहीं बढ़ने से सभी े परिवारों पर रोजगार एवं रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिला परामर्शदाताओं का अनबंघ नहीं बढ़ने से सभी जिलों का कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र सिंह के मुताबिक परामर्शदाताओं े इस धरने का महासंघ पूर्णरूप से समर्थन करता है। सीसीडीयू के तहत नियुक्त किए गए राज्य स्तरीय परामर्शदाता एवं जिला स्तरीय परामर्शदाताओं की नियुक्ति में अलग-अलग नियम बरते जा रहे हैं। राज्य स्तरीय परामर्शदाताओं का अनुबंध विभाग के मार्त नियमित रूप से बढ़ रहा है, परन्तु जिला स्तरीय परामर्शदाताओं के अनुबंध अवधि को नहीं बढ़ाकर अपने निजी स्वार्थ के लिए एनजीओ को देने की तैयारी की जा रही है। एनआरडीडबल्यूपी के तहत जून 2012 में जिला स्तरीय परामर्शदाताओं की नियुक्ति के पश्चात ऐसा कार्य हुआ कि राजस्थान प्रदेश प्रथम स्थान पर काबिज हुआ। एक वर्ष पश्चात परामर्शदाताओं की अनुबंध अवधि नहीं बढ़ने से योजना में गिरावट आई है और राजस्थान वर्तमान में छठे पायदान पर आ चुका है। केन्द्र सरकार के  निदेर्शानुसार एनआरडीडबल्यूपी े तहत स्पोर्ट एक्टीविटी े लिए एसएलएससी अर्थात स्टेट लेवल सेक्शन कोमिटी अधिकृत है। एसएलएससी की बैठक मार्च 2012 में हुई, इसमें समस्त परामर्शदाताओं े पद मार्च 2013 तक स्वीकृत किए जा चुे हैं तथा बजट भी ेन्द्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को भिजवाया जा चुका है। परन्तु अनुबंध अवधि नहीं बढ़ने से इस बजट से कार्य भी नहीं हो रहे। 

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