स्वर्ण नगरी के जिनालयो पर अरणाईयॉ परिवार ने ध्वजा फहराई
जैेसलमेर 15 नवम्बर
जैसलमेरिय जैन श्री संघ व जैन ट्रस्ट जैसलमेर के तत्वावधान में ध्वजा महोत्सव स्वर्ण नगरी जैसलमेर महातीर्थ में 14000 साधुसाध्वी भंगवतो के नायक, 250 आचार्य भंगवतो के अधिपति गच्छाधिपति जैनाचार्य प्रेमसूरीश्वरजी म.सा. के कार्य कुशल आचार्य कुलचंदविजयजी म.सा. की पावन प्रेरणा से प.पू. पंन्यास पुण्डरिकरत्नविजयजी म.सा.व साध्वी मण्डल की पावन निश्रा में हाडेचा नगर निवासी ( बोम्बे) शा0 हंजारीमलजी गोरधनजी अरणाईयॉ परिवार द्वारा बड़े ही भव्य रूप में किया गया । प्रातः 9.30 बजे नाकोड़ा भवन में पंन्यास पुण्डरिकरत्नविजयजी म.सा. व जैन संघ के अध्यक्ष राजमलजी राखेचा द्वारा जैन ध्वज फहराके शुभारम्भ किया गया । ध्वजा की शोभा यात्रा के शुभारम्भ के अवसर पर अरणाईयॉ परिवार के शा0 हरकचंदजी अमराजी मातु श्री मफीदेवी घमण्डीरामजी का तिलक,माला ,श्रीफल चुन्दड़ॣ से हार्दिक अभिनन्दन किया गया ।
इस शोभा यात्रा में सज्जेधज्जे ऊॅठ, घोड़ो व ोल ,थाली शहनाई बजाते लोक कलाकारो द्वारा शोभा यात्रा की भव्यता को बुलन्दी प्रदान की गई । जैन भवन से रवाना हुई ध्वजारोहण यात्रा गॉधी चौक,जिन्दानी चौकी,गोपा चौक से होती हुई किले के मुख्य द्वार पर पहुॅची । रास्ते में जगहजगह विदेशी पर्यटको ने फोटोग्राफी कर लुप्त उठाया, वही नगरवासियो ने फुलो से ध्वजाओ पर वर्षा की । मूलनायक श्री चिन्तामणि पाश्र्वनाथ जिनालय की ध्वजा का थाल श्री हरखचंदजी अमराजी श्री चंन्द्रप्रभू जिनालय की ध्वजा का थाल अशोकभाई शान्तिनाथ जिनालय की ध्वजा का थाल राहुलकुमार ,श्री आदेश्वर भगवान के जिनालय की ध्वजा का थाल प्रकाशमल ललितकुमार ,अष्ठापद शान्तिनाथ जिनालय के ध्वजा का थाल बाबूलाल प्रभूलाल राहुलकुमार व अन्य तीर्थ यात्रीयो ध्वजा लेकर जिनालय की नाचते गाते परिक्रमा की । मंदिर में सभी ध्वजाओ का सत्ररभेदी पूजन के साथ विधिपूरक पूजन करने के बाद गाजतेबाजते ओम पुण्यांह ओम पुण्यांह प्रियमतामप्रियमताम मंत्रोच्चारण के साथ विधिकारक संगीतकार जोधपुर निवासी महेशभण्डारी ने संगीत की मधुर लहरियो के साथ अरंणईयॉ परिवार के श्री अशोकभाई व परिजनो व तीर्थ यात्रीयो ने कल्प व दण्ड की पूजा करने के बाद ध्वजाऍ फहराई । इस अवसर पर पंन्यास पुण्डरिकरत्नविजयजी म.सा. ने सभी गुरूभक्तो को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिनालय आत्मिक एवम अध्यात्मिक विश्राम का अद्भूत का स्थान होता है । महाराज श्री ने सभी गुरूभक्तो व अरणईयॉ परिवार को धर्म व शासन की राह पर श्रद्घापूर्वक सेवा करने का आव्हा्न किया । मुनिमहाविदय ने बताया कि लाल रंग की ध्वजाऍ जहॉ सिद्ध परमात्माओ की प्रतीक मानी जाती है वही सफेद रंग की पताकाऍ अरिंहत की प्रतीक मानी जाती है । देव विमानो के आकार के निर्मित इन मंदिरो की ध्वजाऍ फहराने से जिनालय की शोभा दिव्य गिणित हो गई है तथा देशीविदेशी सैलानियों के आर्कषण का केन्द्र बिन्दु ऐतिहासिक दुर्ग का आर्कषण और अधिक ब़ गया है ।
ध्वजारोहण समारोह में 200 यात्रियो के साथ श्री अशोकभाई अरणईयॉ परिवार के साथ ,सांचोर ,अहमदाबाद ,मुम्बई ,सूरत,मध्यप्रदेश व ग्रामीण क्षेत्रो से श्रृद्घालु इस ध्वजा समारोह की मंगल कामना की । इस अवसर पर सुबह की नवकारसी व दोपहर का सकल श्री संघ का स्वामीवत्सल का लाभ भी अरणईयॉ परिवार द्वारा लिया गया ।
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