गडकरी की दीवाली खराब नहीं करेगी भाजपा?
नई दिल्ली।
तो मजबूत हो जाएंगे मोदी
गडकरी समर्थकों और संघ को लगता है कि राम जेठमलानी और महेश जेठमलानी जैसे बाहरी नेताओं के कहने पर अगर कार्रवाई की गई तो ये पार्टी और संघ नेतृत्व के कमजोर पड़ने का संकेत होगा। पार्टी नेताओं का मानना है कि अगर जेठमलानी के कहने पर गडकरी को हटाया गया तो ये पार्टी पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के एकाधिकार साबित होने का सबूत होगा,जो पार्टी के पहली पंक्ति के नेताओं को कतई मंजूर नहीं है।
जेठमलानी की मंशा को लेकर सवाल
गौरतलब है कि जेठमलानी ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की थी। रामजेठमलानी और उनके बेटे महेश जेठमलानी के अलावा कोई भी नेता खुले तौर पर गडकरी के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहा है। ऎसे में दोनों की मंशा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अगर गडकरी खुद ही इस्तीफा देते हैं तो पर्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सुषमा ने किया गडकरी का समर्थन
भाजपा नेता और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इसका खंडन किया कि वह गडकरी को समर्थन नहीं दे रही हैं। उन्होंने ऎसी रिपोर्ट को गलत करार दिया। सुषमा ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लिखा, ""इस तरह की मीडिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है कि मैं नितिन गडकरी का समर्थन नहीं कर रही हूं। मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है और मैं एक बार फिर उनके प्रति अपना समर्थन जाहिर करती हूं।""
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