विवादों में गुम हो गई गांधी एनक्लेव योजना
जयपुर।
नगर निगम की 'गांधी एनक्लेव योजना' में आवेदन भर कर प्लॉट की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अभी कुछ महीने और इंतजार करना होगा। कारण है नगर निगम का ढीला रवैया। दरअसल, इस योजना के लिए छह माह पहले मांगे गए आवेदनों की अभी तक छंटनी तक नहीं हो पाई है। ऎसे में आवंटन में समय लगना लाजमी है। गौरतलब है कि जयपुर नगर निगम ने वित्तीय वष्ाü 2011-12 में अपनी पहली आवासीय योजना 'गांधी एनक्लेव' की घोष्ाणा की थी।

लोगों ने दिखाई थी रूचि
नगर निगम ने करीब साढ़े छह हजार रूपए रिजर्व प्राइज पर योजना लॉन्च की। लोगों ने अघिक दर होने के बाद भी योजना में रूचि दिखाई लेकिन इसके बाद निगम विवादाें के बीच पूरी योजना फाइलों में दफन हो गई। योजना के उद्घाटन के बाद भी निगम अभी तक लॉटरी नहीं निकाल पाया। ऎसे में पूरी योजना पर सवाल उठने लगे हैं।
यह थी योजना
सिरसी रोड पर 33.22 बीघा जमीन पर नगर निगम ने पहली आवासीय योजना लॉन्च की। बिंदाया औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित इस योजना में 48.64 फीसदी भूमि में आवासीय एवं 6.15 फीसदी वाणिज्यिक, 6.59 पार्क, 4.86 पब्लिक फेसेलिटी और 33.76 फीसदी रोड के लिए रखी गई थी।
इतने थे प्लॉट
योजना में 397 वर्गगज के पांच प्लॉट, 200 वर्ग गज के 83 प्लॉट, 152 वर्गगज के 21 प्लॉट, 138 गज के 59 प्लॉट, 181 गज के 16 प्लॉट, 272 गज के नौ प्लॉट और 50 गज के 60 प्लॉट बनने थे। इसी के साथ 64 दुकानें बनाना भी प्रस्तावित था। साथ ही पार्क, सार्वजनिक सुविधाएं, सामुदायिक केंद्र, हेल्थ सेंटर, भूमिगत विद्युत आपूर्ति, पेयजल वितरण व्यवस्था, गु्रप हाऊसिंग और रेनवाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था जैसी सुविधाएं बनाई जानी थीं।
ये लोग हैं समिति में
राज्य सरकार ने समिति के गठन स्वीकृति दी है इसमें महापौर ज्योति खंडेलवाल, सीईओ, पाष्ाüद निर्मल नाहटा, पाष्ाüद समुंद्र सिंह, पाष्ाüद देवेंद्र सिंह शंटी सहित कुल सात लोग शामिल हैं।
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