भारत का 14 महीने का हिसाब-किताब 

नई दिल्ली।
विश्वकप जीतने के बाद क्रिकेट जगत में टीम इण्डिया का गुणगान हो रहा था। भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की तारीफ में कसीदे पढे जाने लगे लेकिन यह सब ज्यादा वक्त तक नहीं चला। 
विदेशी दौरों पर एक के बाद एक मिली हार ने न केवल टीम की मिट्टी पलीद कर दी बल्कि धोनी की कप्तानी को लेकर भी सवाल उठाने लगे। टीम इण्डिया विदेशी धरती पर न तो एक टेस्ट सीरीज जीत पाई और न ही कोई बड़ा टूर्नामेंट। 

इंग्लैण्ड दौरे पर छिनी नंबर वन की रैंकिंग
2 जुलाई 2011 का विदेशी दौरा टीम इण्डिया के लिए सबसे बुरा रहा। इंग्लैण्ड ने भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज में 4-0 से धूल चटा दी। यहीं नहीं टीम इण्डिया एक मात्र टी-20 मैच भी नहीं जीत पाई। इसके बाद इंग्लैण्ड ने वनडे सीरीज में भी भारत को 5-0 से हरा दिया। इस हार के बाद टीम इण्डिया से नंबर वन टेस्ट टीम का तमगा भी छिन गया। 

घर में साबित हुए शेर
इसके बाद इंग्लैण्ड की टीम भारत दौरे पर आई। भारतीय टीम ने विदेशी धरती पर मिली हार का बदला लिया और इंग्लैण्ड को 5-0 से वनडे सीरीज में मात दी। इसके बाद टीम ने वेस्ट इंडीज को टेस्ट और वनडे सीरीज में बुरी तरह पीटा। भारत ने 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती और 4-1 से वनडे सीरीज पर कब्जा जमाया। 

ऑस्ट्रेलिया में फिर कटाई नाक
घरेलू जमीन पर मिली सफलता के बाद एक बार फिर टीम इण्डिया की असली परीक्षा का वक्त आया जब उसे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना था। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4-0 से टेस्ट सीरीज में मात दी। हालांकि भारतीय टीम 2 टी-20 मैच में बराबरी पर रही लेकिन टीम त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में पहुंचने में नाकाम रही। 

एशिया कप में मिली हार 
इसके बाद टीम इण्डिया एशिया कप में भाग लेने पहुंची। एशिया कप में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने शतकों का शतक पूरा किया लेकिन भारतीय टीम बांग्लादेश जैसी टीम से हार गई। इस कारण वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई। 

फिर घर में मिली बड़ी जीत
एक लंबे अंतरात के बाद टीम इण्डिया श्रीलंका दौरे पर गई। यहां टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और लंका को वनडे सीरीज में करारी शिकस्त दी। टीम इण्डिया ने श्रीलंका को 4-1 से हरा दिया। इसके बाद न्यूजीलैण्ड की टीम भारत दौरे पर आई। भारतीय टीम ने न्यूजीलैण्ड से टेस्ट सीरीज जीत ली लेकिन टी-20 में वह कमाल नहीं कर पाई। 

तीसरी बार टी-20 विश्वकप से बाहर
हाल ही में टीम इण्डिया को टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने से पहले ही बाहर होना पड़ा। भारतीय टीम ने पांच में से चार मैच में जीत दर्ज की लेकिन रन रेट में पिछड़ने के कारण वह सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई। भारतीय टीम तीसरी बार विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने से पहले ही बाहर हो गई।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top