आरटेट-2011 परीक्षा पर विवादों का साया
जोधपुर.
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान शिक्षक योग्यता परीक्षा-2011 (आरटेट-2011) में पूछे गए सवालों के सही उत्तर जानने के लिए परीक्षा संयोजक बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन अजमेर को 18 सितंबर 2012 तक विषय वार समितियां बनाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा परीक्षा में पूछे गए सभी सवालों के विकल्प और विशेषज्ञ समिति के निर्णय 8 अक्टूबर 2012 तक न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इसकी वजह से प्रार्थीगण के मेरिट पर असर पड़ा। इस तरह के कम से कम दो सवालों के जवाब खुद परीक्षा संयोजक बोर्ड ने भी स्वीकार किए और उसके अनुसार याचिकाकर्ताओं की मार्कशीट में संशोधन कर उनके मेरिट को बदला गया। लेकिन बाद में इस तरह की याचिकाओं की बाढ़ सी आ गई। इससे लगता है कि उक्त परीक्षा में विभिन्न विषयों में कई सवालों के जवाब का विकल्प गलत दिया गया।
अदालत के लिए इतनी शिकायतों की जांच करने के उद्देश्य से आरटेट-2011 के संयोजक बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन, अजमेर को यह निर्देश देती है कि परीक्षा के प्रत्येक विषय के लिए 18 सितंबर 2912 तक विशेष ज्ञ कमेटियों का गठन करे। साथ ही याचिकाओं में पेश की गई शिकायतों की जांच कमेटी से करवाते हुए सवालों के सही उत्तर 8 अक्टूबर 2012 तक अदालत में पेश करें।
अदालत ने अपने निर्देश में यह कहा
1. सभी याचिकाकत्र्ता अपनी याचिकाओं की दो-दो प्रतियां बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन अजमेर के वकील राकेश अरोड़ा को देंगे। इसके बाद बोर्ड सभी याचिकाओं में उठाए गए गलत सवालों को और बोर्ड की आंसर की में दिए गए सही जवाब का विषयवार छंटनी कर उस विषय के लिए बनाई गई कमेटी को सौंपेंगे, जिससे कमेटियां उस सवाल के सही जवाब का निर्णय कर सके। कमेटियों का गठन 18 सितंबर 2012 तक किया जाएगा और कमेटियां 5 अक्टूबर 2012 तक पुन: बोर्ड को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। बोर्ड अदालत में पूरे मामले की रिपोर्ट 8 अक्टूबर 2012 तक पेश करेंगे।
इस तरह कर सकेंगे कमेटियों का गठन
प्रत्येक विषय के लिए तीन विशेषज्ञों की कमेटी गठित की जाएगी। जिसमें पहला सदस्य किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का उस विषय में प्रोफेसर होगा। इसमें जयनारायण व्यास विवि जोधपुर, राजस्थान विवि जयपुर, मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि उदयपुर, महर्षि दयानंद विवि अजमेर तथा महाराजा गंगासिंह विवि बीकानेर शामिल हैं। दूसरा सदस्य किसी मान्यता प्राप्त टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का लेक्चरर होगा जिसका सेवाकाल 10 वर्ष से कम नहीं हो। तीसरा सदस्य किसी मान्यता प्राप्त स्कूल का विषय विशेषज्ञ शिक्षक होगा जिसका सेवाकाल 15 वर्ष से कम नहीं हो।
इस तरह बनेगी कमेटियां
अदालत ने प्रत्येक विषय के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने के लिए तीन शिक्षकों का चयन करने के निर्देश दिए हैं।
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