अल्पसंख्यक समुदाय में तालिम का पैगाम जनजन तक पहुंचाये : शाले मोहम्मद 
जैसलमेर, 15 जुलाई
पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय में तालिम का पैगाम जनजन तक पहुंचाना आज की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना समाज का विकास संभव नहीं है इसलिये हमस ब को मिल जुलकर युवा पी़ी को शिक्षित करने का पूरा प्रयास करना है। पोकरण विधायक रविवार को सर्व शिक्षा अभियान के जैसलमेर ब्लॉक के तत्वावधान में मदरसा फैजे सिकन्दरिया में अल्पसंख्यक शिक्षा के संबंध में अल्पसंख्यक जनप्रतिनिधियों, गणमान्य व्यक्तियों की एक दिवसीय कार्यशाला में यह विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में जिला परिषद सदस्य अमरदीन के साथ ही समाज के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे। 
पोकरण विधायक ने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि समाज के मौजिज व्यक्तियों से आग्रह किया है कि वे बालिकाओं को मदरसों के साथ ही विद्यालयों में शिक्षा दिलाने के लिये भेजे एवं इसके लिये अभिभावकों को प्रेरित करें कि जब बच्चियां पॄ लिख लेगी तो समाज में शिक्षा का पैगाम अपने आप ब़ता जायेगा। 
उन्होंने कहा कि आज के युग में शिक्षा से ही व्यक्ति एवं समाज का विकास संभव है। इसलिये हमें आज यह सीख लेनी है कि तालिम प्राप्त करने में किसी प्रकार से पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज शिक्षा के क्षेत्रा में पिछड़ा होने के कारण उनको ब़ावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार अनेकों योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्य विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रावृतियां दी जा रही है। उन्होंने इन छात्रावृतियों का लाभ लेने पर जोर दिया एवं कहा कि वे शिक्षा के क्षेत्रा में अव्वल आये। 
पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने इस अवसर पर कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से भी जिले में कस्तूरबा गांधी आवासी विद्यालय एवं रेगिस्तानी छात्रावास विद्यालयों का भी संचालन किया जाकर बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा की सुविधा प्रदान की जा रही है। लेकिन बड़े दुःख की बात हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाएँ ऐसे विद्यालय में कम पंजीकृत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के बालकबालिका शिक्षा से अवश्य जुड़े एवं वे योजनाओं का पूरा लाभ लें। 
पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने कहा कि शहरों की तुलना में गांवों की स्थिति शिक्षा की दृष्टि से बहुत ही पिछड़ी हुई है इसलिए सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाकर गांव के अल्ससंख्यक वर्ग के अधिकाधिक लोगों को बुलाया जाकर उनको शिक्षा से जोड़ने का संदेश देना है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया हैं कि वे अपने बच्चों को भेड़बकरियों में नहीं भेजकर विद्यालयों में तालिम के लिए भेजे ताकि हम विकास की इस लहर से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में दुनिया की तरक्की में जुड़पे के लिए तालिम ही मुख्य आधार है इसलिए शिक्षा की अलख समाज के हर व्यक्ति तक पहुँचाना हमारा धर्म है। पोकरण विधायक ने सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से मदरसों में अधिक कार्यक्रम संचालित करने पर विशेष जोर दिया और कहा कि केवल कार्यशाला तक कार्यक्रम सीमित नहीं रख कर हमें उस तह तक जाना परमावश्यक है जिसके लिये यह कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भी मदरसों को विद्यालय शिक्षा का दर्जा दे रही है एवं इनके सुदृकिरण के लिए सरकार पूरी सहायता मदरसों को प्रदान कर रही है। 
अध्यक्षीय उद्बोधन में गुलाम मुर्तजा ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को विकसित करने के लिये शिक्षा ही एक ऐसा पैगाम है जिससे हम आगे ब़ सकते है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ ही बालिकाओं को भी शिक्षा दिलवाना हमारा धर्म है और हमें इस ओर विशेष सार्थक प्रयास करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सरकार जब इतने प्रयास कर रही हैं तो हमें इस क्षेत्रा में पूरा सहयोग प्रदान करना चाहिए। सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम प्रभारी बंशीधर पुरोहित ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्धेश्य अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षा से वंचित बालकबालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना है। उन्होंने सर्वशिक्षा अभियान द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी एवं बताया कि जिले में नाचना, सोनू, एवं भादरिया में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय तथा देवीकोट व चाँधन में रेगिस्तानी आवासीय विद्यालय संचालित हैं जिसमें बालकबालिकाओं को शिक्षा अर्जित करने के लिए भेजना है। 
कार्यशाला में मोलवी समीर के साथ ही अन्य मौजीज लोगों ने शिक्षा की अलख जगाने के लिए संदेश दिया। कार्यशाला के सफल आयोजन में संदर्भ व्यक्ति मालाराम, चेतनराम, बूटाराम के साथ ही गौतम व्यास ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक प्रांरभिक शिक्षाधिकारी प्रभूराम राठौड़ ने किया। इस मौके पर अल्पसंख्यक समुदाय के गणमान्य पुरुष और महिलाऍं भी उपस्थित थी।

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