बाबा रामदेव ने आंदोलन में फूंकी जान
नई दिल्ली।
योग गुरू बाबा रामदेव शुक्रवार की शाम टीम अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी एवं जन लोकपाल समर्थक आंदोलन में शामिल हो गए। बाबा के साथ उनके समर्थकों की भीड़ भी थी। इस वजह से जंतर-मंतर भरा नजर आया। इससे ऎसा लगा कि सुस्त पड़ रहे इस आंदोलन में जान फूंक दी गई हो।
इससे पहले, बाबा ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर हमला करने के लिए टीम अन्ना से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन किसी व्यक्ति की आलोचना करना ठीक नहीं है। वे किसी पर निजी हमले के खिलाफ हैं। फिर भी वे अन्ना के आंदोलन का समर्थन करना जारी रखेंगे। रामदेव ने ये विचार रामलीला मैदान में संवाददाताओं को संबोघित करते हुए जताए। यहीं से वे 9 अगस्त से कालेधन के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू करेंगे।
अनशनकारी बीमार
पिछले 24 घंटे में जंतर-मंतर पर बैठे कई अनशनकारियों की हालत खराब हो चुकी है। उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। अघिकतर को छुट्टी दी जा चुकी है। जंतर-मंतर पर बकायदा डॉक्टरों की पूरी टीम अनशनकारियों का ख्याल रख रही है।
स्वार्थी लोगों से दूरी
उधर, हजारे ने कहा, 'मैं किसी लॉबी का हिस्सा नहीं हूं। जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेगा, मैं उसे समर्थन दूंगा। अगर वे स्वार्थी हो जाएंगे, तो मैं उनसे अलग हो जाऊंगा।' टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री समेत देश के 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। वह इनके खिलाफ जल्द से जल्द एसआईटी से जांच कराने की मांग पर अड़ी है। हजारे ने कहा कि अभी और लोग इस आंदोलन से जुड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही देश को उज्वल भविष्य नहीं दे सकतीं।
इच्छा मृत्यु के लिए अनशन
जंतर-मंतर पर इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर अनशन पर बैठा एक शख्स हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। रेवाड़ी निवासी मनोज विश्वकर्मा आरटीआई कार्यकर्ता है। उसका कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी समय से लड़ाई लड़ रहा है। उसने कई नौकरशाहों को आरटीआई के तहत बेनकाब किया है। फिर पत्नी ने दहेज के मुकदमें में फंसा दिया। नतीजतन उसे जेल जाना पड़ा। उसने भ्रष्टाचार को नजदीक से देखा है। यही वजह है कि वह अन्ना के आंदोलन से जुड़ चुका है। उस पर लगे झूठे मुकदमे हटाएं जाएं, तभी वह अनशन खत्म करेगा।
जनता की राय लेना जरूरी: हजारे
अन्ना हजारे ने कहा है कि नए राजनीतिक विकल्प के बारे में देश की जनता की राय जानने की जरूरत है। अगर जनता कहती है कि राजनीतिक दल की जरूरत है तो वे उसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में शुक्रवार को ये विचार जताए। उन्होंने कहा कि वे अभी देश में घूमेंगे। हर राज्य में जाकर लोगों को बताएंगे कि भाजपा कैसी है, कांग्रेस कैसी है, जनता दल कैसा है।
हजारे के मुताबिक 'मैं बताऊंगा, उन्हें विकल्प दूंगा जिसने समाज के लिए कुछ किया है ऎसे लोगों को चुनो।' अन्ना के अलग पार्टी बनाने की संभावना पर केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने टीम अन्ना पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इस बयान के बाद टीम अन्ना का सच सामने आ गया है। अच्छा हुआ कि उन्होंने साफ कर दिया है कि वे राजनीति में आना चाहते है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें