संगमा ने प्रणब को परेशानी में डाला! 
नई दिल्ली।
देश के 14 वें राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच की तारीख सोमवार को अचानक एक दिन के लिए बढ़ा दी गई। चुनाव आयोग ने नामांकन पत्रों को भरने की अन्तिम तारीख 30 जून तय की थी जबकि नामांकन पत्रों की जांच की तारीख दो जुलाई निर्धारित की थी। 
संगमा के प्रतिनिधि और भाजपा नेता सतपाल ने प्रणब के नामांकन को चुनौती दी है। आपत्ति के साथ दस्तावेज भी पेश किए गए हैं। अगर प्रणब का लाभ के पद पर रहते हुए राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने की बात सत्य साबित हो जाती है तो प्रणब का नामांकन खारिज हो सकता है। इस आपत्ति पर मुखर्जी की ओर से जवाब मंगलवार को दोपहर बाद दो बजे तक दायर किया जाएगा। फिलहाल मामला निर्वाचन आयोग के पाले में हैं।
राष्ट्रपति पद के एक अन्य उम्मीदवार पीए संगमा ने संप्रग उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी की उम्मीदवारी के खिलाफ आपत्ति जताते हुए शिकायत दर्ज की है कि उन्होंने लाभ के पद पर रहते हुए अपना नामांकन पत्र भरा है। संगमा के अनुसार मुखर्जी भारतीय सांख्यिकी संस्थान के अध्यक्ष पद पर हैं जो लाभ का पद है। 
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच की तारीख एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है। उधर, कांग्रेस ने प्रणब पर लाभ के पद पर रहते हुए नामांकन भरने की बात को गलत बताते हुए कहा है कि वे पहले ही इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं। भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता ने सफाई देते हुए कहा है कि प्रणब उनके संस्थान से 20 जून को ही इस्तीफा दे चुके हैं। लेकिन इस बारे में कोई कागजात पेश नहीं किए हैं।
पहले भी हो चुके हैं इस्तीफे
लाभ के पद के मामले में सोनिया गांधी की संसद सदस्यता गंवा चुकी हैं। इसके अलावा जया बच्चन को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा था। इसी तरह 2001 में सुप्रीमकोर्ट के एक फैसले के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया था।

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