1.60 रूपए प्रति लीटर घटेंगे पेट्रोल के दाम
नई दिल्ली।
आईओएल के अध्यक्ष आरएस बुटोला ने सोमवार को कंपनी के नतीजे घोषित करने क अवसर पर संकेत दिए थे कि पाक्षिक बैठक में पेट्रोल की कीमतों पर विचार किया जाएगा और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और रूपया मजबूत होता है तो इसका फायदा उपभोक्ताओं को पहुंचाया जाएगा। गुरूवार को समीक्षा बैठक में दरों में कमी पर फैसला लिया गया।
सरकार ने जून 2010 को पेट्रोल को प्रशासनिक मूल्य प्रणाली के दायरे से बाहर कर दिया था और इसके बाद से कंपनियां कच्चे तेल की कीमत और अन्य बातों को ध्यान में रखकर हर पखवाड़े दाम तय करती आ रही है। कुछेक मौके पर कंपनियां दाम नहीं बढ़ा पाई थीं। एक दिसम्बर 2011 के बाद तेल कंपनियों ने 23 मई 2012 को दाम बढ़ाए थे।
देशभर में विरोध, भारत रहा बंद
तेल कंपनियों के दाम बढ़ाने के बाद देश में इसका व्यापक विरोध हुआ है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुवाई में पेट्रोल के दाम बढ़ाने के खिलाफ गुरूवार को भारत बंद रखा गया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाने का कड़ा विरोध किया है।
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