अगले साल से ऑनलाइन दर्ज होगी FIR
लोगों को अगले साल से प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने नहीं जाना पड़ेगा और किसी अपराध के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा को बताया कि सर्वर और नेटवर्क स्थापित हो जाने पर इस साल के अंत तक या अगले साल से ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकेगी। वह पुलिस सुधारों के संबंध में एच के दुआ, रविशंकर प्रसाद, शिवानंद तिवारी और डी बंदोपाध्याय के पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के इस निर्देश से सहमत नहीं है कि किसी राज्य के पुलिस महानिदेशक का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि डीजीपी का चयन राज्य सरकारों पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र डीजीपी का कार्यकाल दो साल निश्चित किए जाने के भी खिलाफ है क्योंकि इससे कैडर प्रबंधन में दिक्कतें आएगी। उन्होंने कहा कि राज्यों ने भी इस निर्देश का पालन करने मे कठिनाई का जिक्र किया है। उच्चतम न्यायालय ने डीजीपी के चयन के अलावा राज्य सुरक्षा आयोग बनाने का भी निर्देश दिया। न्यायालय ने तबादला, नियुक्तियों, पदोन्नतियों जैसे मुद्दों पर फैसला करने के लिए राज्य स्तर पर पुलिस स्थापना बोर्ड गठित करने का भी सुक्षाव दिया है।
लोगों को अगले साल से प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने नहीं जाना पड़ेगा और किसी अपराध के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा को बताया कि सर्वर और नेटवर्क स्थापित हो जाने पर इस साल के अंत तक या अगले साल से ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकेगी। वह पुलिस सुधारों के संबंध में एच के दुआ, रविशंकर प्रसाद, शिवानंद तिवारी और डी बंदोपाध्याय के पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के इस निर्देश से सहमत नहीं है कि किसी राज्य के पुलिस महानिदेशक का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि डीजीपी का चयन राज्य सरकारों पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र डीजीपी का कार्यकाल दो साल निश्चित किए जाने के भी खिलाफ है क्योंकि इससे कैडर प्रबंधन में दिक्कतें आएगी। उन्होंने कहा कि राज्यों ने भी इस निर्देश का पालन करने मे कठिनाई का जिक्र किया है। उच्चतम न्यायालय ने डीजीपी के चयन के अलावा राज्य सुरक्षा आयोग बनाने का भी निर्देश दिया। न्यायालय ने तबादला, नियुक्तियों, पदोन्नतियों जैसे मुद्दों पर फैसला करने के लिए राज्य स्तर पर पुलिस स्थापना बोर्ड गठित करने का भी सुक्षाव दिया है।

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