CBI का दावा, भंवरी हत्याकांड के मास्टरमाइंड थे मदेरणा
नर्स भंवरी देवी की गुमशुदगी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें राजस्थान के बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा को हत्या के लिए मास्टरमाइंड बताया गया है।97 पृष्ठों के आरोपपत्र में 300 गवाहों और सबूत के तौर पर 313 दस्तावेजों का जिक्र किया गया है। आरोपपत्र बुधवार दोपहर को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दाखिल किया गया।आरोप पत्र में दावा किया गया है कि लूणी क्षेत्र से कांग्रेस विधायक मलखान सिंह बिश्नोई ने नर्स को एक सीडी तैयार करवाने के लिए उकसाया, जिसमें नर्स मदेरणा के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखाई गई है।आरोपपत्र में कहा गया है, वर्ष 2008 में जब कांग्रेस सत्ता में आई थी तब मलखान को कैबिनेट मंत्री का पद नहीं दिया गया था। मदेरणा से ईर्ष्या के कारण उसने सीडी तैयार करवाई जो भंवरी के अपहरण और हत्या का कारण बनी।सीबीआई ने आरोपपत्र में मदेरणा, मलखान सिंह और मलखान के भाई परसराम बिश्नोई को मुख्य षड्यंत्रकारी बताया है, जबकि अन्य नौ सोहन लाल, शहाबुद्दीन, बलदेव जाट उर्फ बलिया, उमेशा राम, सहीराम बिश्नोई, बिशनाराम बिश्नोई, ओमप्रकाश बिश्नोई, कैलाश जाखड़ और अशोक बिश्नोई के नाम हत्यारों के रूप में पेश किए हैं। भंवरी के पति अमरचंद को भी आपराधिक साजिश में शामिल रहने के आरोप में नामजद किया गया है।सीबीआई ने मलखान की बहन इंद्रा बिश्नोई एवं अन्य तीन के खिलाफ जांच विचाराधीन रखा है। मुख्य संदिग्ध इंद्रा फरार है। आरोपपत्र में कहा गया है कि इंद्रा ने भंवरी को सीडी तैयार करवाने के लिए कहा था।आरोपपत्र के मुताबिक पिछले वर्ष एक सितम्बर को जोधपुर जिले के बिलाड़ा से भंवरी को अगवा करने में तीन लोग- शहाबुद्दीन, सोहन लाल और बलिया शामिल थे। तीनों ने मिलकर भंवरी की हत्या कर दी और ठिकाने लगाने के लिए शव बिशनाराम के आपराधिक गिरोह को सौंप दिया। इस गिरोह ने शव को जलाकर राख व अन्य अवशेष एक नहर में फेंक दिए।जांच एजेंसी इस मामले में बिशनाराम और उसके सहयोगी कैलाश बिश्नोई, ओमप्रकाश बिश्नोई तथा उमेशा राम बिश्नोई को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

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