युवा वर्ग इन रिती रिवाजों को बदलने में सक्षम
जैसलमेर, उरमूल ट्रस्ट, सेव द चिल्ड्रन और मुमकिन है अभियान, चांधन के संयुक्त तत्वाधान में हिंसा किसी भी बहाने मंजुर नहीं विषय पर रा.उ.मा. चांधन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुये जिला सतत साक्षरता अधिकारी मोहनलाल बारूपाल ने कहा कि रिती रिवाज, परम्पराएं भी सिर्फ पुरूषों को प्रधान बना कर महिलाओ के साथ असमानता को ब़ावा हे रहे है। बारूपाल ने कहा कि आज का युवा वर्ग इन रिती रिवाजों को बदलने में सक्षमह ै। उरमूल ट्रस्ट के जिला समन्व्यक अशोक शर्मा ने स्कुली छात्रों को कुपोषण के मुद्दे पर सम्बोधित करते हुये कहा कि जिलें में बचजन बेहतर पोषण सेवाओं को तरस रहा है। जिसे हम आने वाले कल की सुनहरी तस्वीर बता रहे है।, उसकी पुरी देखभाल करना पुरे समुदाय की जिम्मेदारी है। महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र प्रभारी ज्योतसा व्यास ने केन्द्र पर प्राप्त होने वाली सेवाओं के बारे में जानकरी दी तथा महिलाओें अधिकारों की जनजागरूकता हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। रा.उ.मा. विद्यालय के शिक्षक मुकेश बारूपाल ने कहा कि हिंसा मुक्त समाज हमस ब का अधिकार है तथा छोटीछोटी कोशिशों से बड़े से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

कार्यक्रम की शुरूआत में मुमकिन है अभियान के एस.एम. मेहर ने कार्यशाला की जरूरत एवं परिणाम से अवगत करवाया। अतं में प्राधानध्यापक श्री भुरसिंह भाटी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान उरमूल प्रतिनिधि पंकज केवलिया, अनुप पंवार और मुमकिन है अभियान के प्रतिनिधि सुरेश सोनी और सलिम ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।

पुरस्कार वितरण

उरमूल ट्रस्ट, सेव द चिल्ड्रन और मुमकिन है अभियान, चांधन के संयुक्त तत्वाधान में पूर्व में आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थन पर रहे बच्चों को प्रोत्साहन पुरस्कार देकर हौसला अफजाई किया गया।इस अवसर पर तनुजा, रिंकु, जालम, महेन्द्र पुष्पा को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया।

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