अभिनव आईडियाज-मिशनरी टच के साथ बनी 'एक्सीलेंट बिल्डिंग'

जोधपुर।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अमिताव रॉय ने शनिवार को जोधपुर के झालामण्ड चौराहे के निकट पुरानी पाली रोड पर नवनिर्मित राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी भवन का समारोहपूर्वक उद्घाटन किया। समारोह में राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अजीतसिंह भी उपस्थित थे।

न्यायाधीश अमिताव रॉव को पुलिस गारद द्वारा विधिवत सलामी के साथ गार्ड आफ आनर दिया गया तथा उन्होंने अकादमी भवन की नाम पट्टिका का अनावरण करने के बाद भवन का अवलोकन किया और समारोह को संबोधित किया। आरंभ में दीप प्रज्वलन अतिथियों द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए न्यायाधीश रॉय ने कहा कि राजस्थान न्यायिक अकादमी का भवन प्रयासों व समन्वय के साथ आज इस मुकाम तक पहुंचा है। इसके पीछे अभिनव आईडियाज, प्यार भरे स्पर्श एवं मिशनरी टच हैं। मैंने अपने जीवन में अनेक इंस्टीट्युशन देखे है। मेरे कार्यकाल में योजना तो आगे बढ़ी पर जस्टिस श्री गोविन्द माथुर व उनकी टीम ने इसे शानदार स्वरूप तक पहुंचाया व मूर्तरूप प्रदान किया। उन्होंने भवन को 'एक्सीलेंट बिल्डिंग' की संज्ञा प्रदान की। उन्होंने उपनिषद् के वाक्य 'सत्यमेव जयते' का भी उल्लेख किया और कहा कि इंस्टीट्युशन के शुरू करने का तरीका ही भविष्य का निर्माण करता है।
जस्टिस रॉय ने कहा कि अब इस न्यायिक अकादमी में स्टडीज एक्सचेंज, फैकल्टीज एक्सचेंज, ज्यूडिशियल अॅाफिशियल्स के साथ यह वैश्विक स्तर पर अपने ज्ञान व समन्वय के लिए पूरी तरह तैयार रहे। एक नीति के साथ यह इंस्टीटयुशन अपने उतरदायित्वों व परफोरमेन्स को निभाएगा तथा इसके पीछे बहुआयामी प्रतिभाएं लिए अधिकारी भी हैंं। उन्होंने कहा कि मजबूत नींव के साथ अवसरों का पूरा उपयोग भी किया जाना चाहिए। आज अनेक चुनौतियंा न्यायिक क्षेत्र में है उसे स्वीकारते हुए अकेडमी रचनात्मकता का निर्माण करें व ज्ञान के साथ विशेषज्ञता भी हासिल करें। उन्होंने रविन्द्रनाथ टैगोर की कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय के लिए कमंाडिंग, भय रहित होना तथा संवेदनशीलता के साथ आगे बढऩे की जरूरत है।
राजस्थान न्यायिक अकादमी के चेयरमैन एवं राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति गोविन्द माथुर ने बताया कि हाईकोर्ट ने 2006 में जमीन प्रदान की तथा दिसम्बर 2009 में अकादमी भवन निर्माण की योजना आगे बढ़ी। जस्टिस रॅाय के आइडियाज और संरक्षण के बल पर योजना को मूर्त रूप दिया गया। इसका क्षेत्र 1.23 लाख वर्ग मीटर है। इसमें प्रशासनिक व अकादमिक ब्लॅाक, लाइब्रेरी, दो क्लास रूम, कंप्यूटर लैब व ई-लाइब्रेरी है। हॅास्टल में 52 कमरे हैं तथा 70 कमरों का और निर्माण किया जा रहा है तथा यह नवम्बर तक कार्य शुरू हो जाएगा। यहंा 233 सीटो का अॅाडिटोरियम व 136 सीटों का शानदार कान्फ्रेंस रूम, गेस्ट हाऊस व रेजिडेंशियल क्वाटर्स भी निर्मित है। डायरेक्टर चैम्बर सहित पूरा भवन वातानुकूलित है। इस अकादमी में डायरेक्टर, अॅाफिसर्स सहित पूरी टीम समर्पित भाव से रात दिन कार्य करने को तत्पर रहते है।
मंच पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व अकादमी सदस्य पी.के. लोहरा एवं संगीत लोढ़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अकादमी के डायरेक्टर बी.के.चौधरी ने आभार व्यक्त किया। समारोह में झारखण्ड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस टंाटिया, राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार विजय कुमार व्यास, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति गोपालकृष्ण व्यास, विजय विश्नोई सहित विभिन्न न्यायिक अधिकारीगण, वरिष्ठ अधिवक्तागण, आई जी पुलिस जी एल शर्मा व अन्य गणमान्य नागरिक व अधिकारी उपस्थित थे।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top