5 नगर निगम और 31 परिषदों में खिला कमल, कांग्रेस साफ
जयपुर।
राजस्थान के 46 नगर निकाय चुनाव परिणामों में भाजपा ने एक बार फिर बाजी मारते हुए कांग्रेस का सफाया कर दिया। प्रदेश के छह नगर निगमों में से केवल भरतपुर को छोड़कर पांच में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है और कांग्रेस हाशिए पर चली गई है। भरतपुर में निर्दलियों का दबदबा रहा है।
पांच निगमों में भाजपा सरकार
प्रदेश के सबसे बड़े निगम जयपुर के 91 वार्डो में से भाजपा ने 64 में जीत हासिल की है। कांग्रेस केवल 18 वार्डो में जीत दर्ज कर पाई जबकि निर्दलियों के हिस्से में नौ वार्ड आए। जोधपुर में भाजपा ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 15 साल नगर निगम में बहुमत हासिल किया है। यहां 65 वार्डो में से 39 में कमल खिला। कांग्रेस सिमटकर 19 वार्डो में रह गई। छह वार्ड निर्दलियों के पाले में गए। बीकानेर, कोटा और उदयपुर में भी यही कहानी दोहराई गई। उदयपुर में तो भाजपा लगातार पांचवी बार बोर्ड बनाने जा रही है। कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई और 55 में से केवल तीन वार्डो में जीत हासिल कर पाई। भाजपा ने यहां पर 49 वार्डो में जीत दर्ज की। कोटा में भी कांग्रेस दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाई।
भरतपुर में निर्दलियों का दबदबा
भरतपुर नगर निगम चुनाव परिणामों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा को पीछे छोड़ दिया। 50 में से 21 वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे। भाजपा 18 वार्डो में जीत के साथ दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस के यहां पर 11 प्रत्याशी ही जीत पाए।
नगर परिषदों में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ
40 नगर परिषदों में भी भाजपा का विजयी रथ जारी रहा और 22 में उसे पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। जबकि नौ में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और बोर्ड बनाने के लिए उसे निर्दलियों की मदद लेनी पड़ेगी। पुष्कर में तो भाजपा को पहली बार पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को केवल चार नगर परिषदों सीकर, नीमकाथाना, बालोतरा और कैथून में पूर्ण बहुमत मिला है जबकि टोंक और बाड़मेर में उसे निर्दलियों का सहारा लेना पड़ेगा। मकराना और पिलानी नगर परिषद् मे निर्दलीय उम्मीदवार विजेता बनकर उभरे। सीकर और बाड़मेर जिले को छोड़ दें तो कांग्रेस कहीं भी भाजपा को टक्कर नहीं दे पाई। झुंझुनूं में त्रिशंकु जनादेश मिला है। यहां पर कांग्रेस को 16, भाजपा को 15 और निर्दलियों को 14 वार्ड में जीत मिली है।
इनका नगर परिषदों में कमल "राज"
पुष्कर, बांसवाड़ा, छबड़ा, चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, रावतभाटा, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, भीनमाल, फलौदी, सांगोद, डीडवाना, नाथद्वारा, सुमेरपुर, आमेट, सिरोही, पिंडवाड़ा, माउंट आबू, शिवगंज, कनोड़।
भाजपा यहां सत्ता के करीब होकर भी दूर
पाली, ब्यावर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, बिसाऊ, राजगढ़, मांगरोल, भिवाड़ी और अलवर
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