बाड़मेर परमात्मा का ही सब कुछः साध्वी सत्यसिद्धा
बाड़मेर।
‘व्यक्ति को अक्सर गलत फहमी रहती है। धन, जमीन, बच्चों, सभी पर अपना अधिकार रखकर अभिमान स्वरूप कहते है कि सब कुछ मेरा है। मैंने यह किया, वो किया। जबकि सब कुछ परमात्मा का है। परमात्मा के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता। उसी की सत्ता के बल पर आज मानव अपनी नई सत्ता चलाने का प्रयास करता है। वास्तविक सत्ता तो परम पिता परमेश्वर की है।’
यह प्रवचन साध्वी सत्यसिद्धा गिरी ने बाड़मेर शहर के आॅफिसर काॅलोनी-लक्ष्मी नगर स्थित मनोकामना पूर्ण महादेव मंदिर में वात्सल्य सेवा केन्द्र, बाड़मेर व शिव शक्ति महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय ‘नैनी बाई रो मायरो व शिव महापुराण’ कथा के चैथे दिन रविवार को कही। 
कथा के वाचन में परम पूज्य साध्वी ऋतम्भरा जी की शिष्या साध्वी सत्यसिद्धा गिरी ने कहा कि धरती पर जब-जब पाप बढ़ते है तब तब भगवान को स्वयं अवतरित होकर पाप का नाश करने आना पड़ता है। भगवान की सीमा को कोई माप नहीं सकता। कण-कण में भगवान है। उन्होंने शिव महापुराण में सोनकजी व सुदजी के बीच धरती पर बढ़ते पाप का नाश करने की चर्चा को विस्तार से बताया। शिव शक्ति महिला मंडल अध्यक्षा शर्मिला चैहान ने बताया कि कथा में बैंक मैनेजर रतनसिंह चैहान मुख्य यजमान रहे। उन्होंने कथा में मंदिर विकास के लिए 31 हजार रूपए की राशि भेंट की। वहीं कथा में बाड़मेर प्रधान पुष्पा चैधरी, साध्वी सत्यागिरी, पुखराज माथुर, मूलाराम जाणी, किशन गौड़, गजेन्द्र रामावत, सचिव लहरी भाटी, कोषाध्यक्ष रेखा राव, उपाध्यक्ष सुशीला सोनी, रमेश ईन्दा, गोविन्द भाटी, सुशीला सोनी, मीरा भाटी, तुलसी साह, खम्मा गौड़, गोमती गौड़, छगन कंवर, बेबी चैहान, पुष्पा भाटी, दरिया कंवर, खेतू कंवर, चन्द्रा गौड़, मनीषा पुरोहित, विजय लक्ष्मी जांगिड़, चम्पा गौड़ सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने कथा श्रवण की। वहीं पेयजल की व्यवस्था माणक मोती माजीसा के मंदिर की तरफ से है।

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