18 हजार से अधिक लोगों को स्तनपान का महत्व समझाया
बाडमेर।
विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान केयर इण्डिया और केयर्न इण्डिया लिमिटेड के सहयोग से संचालित रचना परियोजना एवं महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान द्वारा इलाके के 18 हजार से ज्यादा लोगों को स्तनपान का महत्व समझाया।
सप्ताह के दौरान बाड़मेर जिले के बायतु, सिणधरी एवं गुड़ामालानी के करीब 107 गावों में स्तनपान सम्बन्धित जानकारी देने एवं स्तनपान का महत्व समझाने तथा उससे जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करने का प्रयास किया गया। यह जानकारी देेते हुए रचना परियोजना के परियोजना अधिकारी दिलीप सरवटे ने बताया की स्तनपान सप्ताह के दौरान100 से ज्यादा गावों समुदायिक बैठकों का आयोजन, हेल्पेज इण्डिया द्वारा संचालित सचल स्वास्थ्य वाहन द्वारा प्रचार प्रसार आदि का आयोजन कर स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
दिलीप सरवटे ने बताया की स्तनपान सप्ताह के कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान पाया गया की जिले के ग्रामीण इलाकों की महिलाऐं जानकारी के अभाव में स्तनपान हेतु शिशु को आवश्यक समय नही दे पाती है जिससे शिशु को पूर्ण पोषण नही मिल पाता है एवं कई जगह अभी भी मा का पहला दूध जिसे खींस कहते है को अभी भी शिशुओं को नहीं दिया जाता है जो की गलत है। उन्होने बताया की सप्ताह के दौरान ग्रामीणों को समझाया की खींस शिशु के लिए सर्वातम आहार है और यह शिशु का पहला टीका है। शिशु के सर्वागीण विकास के लिये छः माह तक की अवधि तक शिशु को केवल स्तनपान करावें।
यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है आज भी जानकारी के अभाव में ग्रामीण इलाकों में शिशुओं को मा के दूध से वंचित होना पड़ रहा है। सरकार को ऐसे कार्यक्रमों का अधिक से अधिक आयोजन कर लोगों को जागरुक करने का प्रयास करना चाहिये। - सवाराम, वार्ड पचं सड़ा

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