आमजन की तकलीफों को दूर करना ही पुलिस का धर्म
जयपुर, 9 जनवरी। 
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि थानों में आमजन के साथ पुलिस का व्यवहार अपने परिवारजनों की तरह होना चाहिए। आमजन को ये विश्वास होना चाहिए कि पुलिस उनकी हमदर्द है और आमजन की तकलीफों को दूर करना ही पुलिस का धर्म है। श्रीमती राजे ने कहा कि पुलिस अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ कार्य करें, जिससे उनके प्रति आमजन की धारणा में बदलाव आये। उन्होंने अधिकारियों को बेहतर कानून व्यवस्था के साथ ही साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री आज गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में पुलिस के रेंज महानिरीक्षकों, जयपुर और जोधपुर पुलिस कमिश्नरों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ अपराध नियंत्रण और सड़क सुरक्षा की समीक्षा कर रही थी।
उन्होंने चैन स्नेचिंग की घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों में सुरक्षा का भाव जागृत हो यह भी पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा पुलिस अधीक्षकों के क्षेत्र में जो विशेष समस्या है उन पर खास ध्यान देकर त्वरित गति से कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में स्थित नहरों से पानी की चोरी की घटनाओं से झगडे होते हैं, जिन पर सम्बन्धित जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को ध्यान देने की जरूरत है।
श्रीमती राजे ने भरतपुर सम्भाग की चर्चा के दौरान जिलों में वाहन चोरी की घटनाओं पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध करने की आवश्यकता जताई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह सुनील अरोड़ा ने पुलिस विभाग की गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा करते हुए सुझाव दिया कि राज्य सरकार ने जन सुनवाई के लिये राजस्थान सम्पर्क पोर्टल विकसित किया है उससे पुलिस नेटवर्क को भी जोड़ा जा सकता है ताकि आमजन की पुलिस से सम्बन्धित समस्याओं के त्वरित निराकरण की प्रभावी मोनिटरिंग हो सके।
पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि पुलिस को जनहितैषी (प्रो-पीपल) बनाया जाएगा, इसके लिए कम्यूनिटी पॉलिसिंग को पुन: शुरू कर जन सहयोग से बेहतर सुरक्षा व्यवस्था को अंजाम दिया जायेगा।
पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस कमिश्नरों तथा पुलिस अधीक्षकों ने अनुसंधान अधिकारियों की कमी दूर करने, सीमावर्ती जिलों में चौकसी के लिये अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी, मोबाइल सिम के दुरूपयोग को रोकने के लिये ठोस नीतिगत निर्णय लेने, सम्मन तामील करने की व्यवस्था को बेहतर करने, पुलिस एवं अभियोजन में समन्वय, सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा हार्डकोर अपराधियों पर सख्ती के सुझाव दिये। उन्होंने जिलों में कानून-व्यवस्था एवं अपराध की स्थिति से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

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