अब मंत्री भी मुख्यमंत्री की तरह सादगी और मितव्ययता की राह पर
जयपुर। 
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर अब सभी मंत्री सादगी का परिचय देते हुए काम करेंगे। अब मंत्री अपने काफिले में पुलिस एस्कोर्ट और दो से अधिक वाहन नहीं रखेंगे। सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन पांच सि
तारा होटलों में नहीं करेंगे। सरकारी कार्यक्रमों में किसी भी सामूहिक भोज का आर्थिक बोझ सरकार पर नहीं डालेंगे। अभिनन्दन और सामूहिक गोष्ठी जैसे कार्यक्रमों में कम से कम खर्चा करेंगे।
मंत्रीमण्डल के सभी सदस्यों ने कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री को एक पत्र पर हस्ताक्षर कर अपने इस निर्णय से अवगत कराया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कॉमन मैन के अंदाज में सादगी का परिचय देते हुए अपना पद सम्भालने के साथ ही ट्रेफिक सिग्नल पर रूकने, अपना काफिला कम करने, सरकारी विमान के स्थान पर नियमित फ्लाईंट से यात्रा करने, अपना सुरक्षा बेड़ा आधा करने, सरकारी वाहन के स्थान पर अपना निजी वाहन उपयोग करने और मुख्यमंत्री आवास के स्थान पर छोटे सरकारी आवास पर रहने जैसे निर्णय ले चुकी है। मुख्यमंत्री से प्रेरणा लेकर सभी मंत्रियों ने भी अब सरकारी खर्चे में कटौती करने का यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

चारागाह भूमि पर बगीचे विकसित किए जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर जिला स्तर पर स्थानीय विधायकों के साथ मिलकर जल आपूर्ति से सम्बन्धित समस्याओं के उचित समाधान निकालें। इसमें पेयजल एवं बिजली आपूर्ति की स्थिति पर भी चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स इस बात का ध्यान रखें कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अच्छी क्वालिटी का खाद्यान्न वितरित हो। उन्होंने कहा कि चारागाह भूमि पर बगीचे विकसित किये जाए ताकि उससे होने वाली आमदनी का लाभ ग्राम पंचायतों को मिल सके और चारागाह भूमि को अतिक्रमण से बचाया जा सके।

हवाई पट्टियां विकसित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्रें में हवाई पट्टियों की स्थिति की जानकारी लें व सरकार को अवगत करायें। जिन जिलों में हवाई पट्टियां नहीं है इसकी जानकारी सरकार को दें ताकि वहां हवाई पट्टियां विकसित की जा सके। क्योंकि हवाई पट्टियों के विकसित होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

अधिकारी भी करें सादगी और मितव्ययता का पालन

बैठक में मुख्य सचिव राजीव महर्षि ने अधिकारियों को कहा कि वे दो गाडिय़ां नहीं रखें और अपने निजी कार्यों में सरकारी वाहन का इस्तेमाल न करें। अधिकारी अपने सरकारी आवास पर सरकारी चौकीदार नहीं रखें। मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों से कहा कि ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी शिक्षा और पालन-पोषण की व्यवस्था करें जो बेसहारा हैं।
मुख्यमंत्री ने सेमिनार में राज्य मंत्रीमण्डल के सदस्यों, जिला कलेक्टरों द्वारा रचनात्मक सुझाव देने पर धन्यवाद दिया।

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