इलोलिया गांव में जन्मे है शेर मोहम्मद, उर्दू व हिन्दी के तेज वक्ता है

बाड़मेर

बाड़मेर के छोटे से गांव इलोलिया में जन्मे शेर मोहम्मद को राजस्थान राज्य के मुफ्ती आजम के खिताब से नवाजने के बाद बाड़मेर में खुषी की लहर दौड़ पड़ी है। शेर मौहम्मद के बाड़मेर आने पर मुस्लिम समुदाय ने उनका गर्मजोषी के साथ स्वागत किया। इलोलिया में बचपन में मवैषी चराने का काम करने वाले शेर मोहम्मद की शुरूआती तालिम मौलाना मुरीद अली की देखरेख में विषाला मदरसें मंे हुई। 1965 में तत्कालीन मुफ्ति आजम अषफाक हुसैन ने इनके जजबे को देखते हुए इन्हे जोधपुर दारूल उलूम ईषाकिया दाखिला देकर सिन्धी, उर्दू और फारसी की तालिम दी और 1968 में महज 16 साल की उम्र में इन्हे मौलाना की पदवी दी। 1968 से अब तक इन्होने हदीस का पाठ और सेखूल हदीस के पाठको आम अवाम के सामने रखा। बीते 15 अक्टूबर को मुफ्ती आजम राजस्थान अषफाक हुसैन के इंतकाल के बाद मुल्क भर के मुफ्तीयों, उलमाओं और धार्मिक गुरूओं ने 17 नवम्बर 2013 को इन्हे राजस्थान का मुफ्ती आजम बना दिया। शेर मोहम्मद का का काम मुस्लिम समाज के अगुवाईकर्ता के रूप में राज्यभर में रहेगा। इस्लामिक कानून के फतवे इन्ही के द्वारा दिये पाईगें साथ ही राज्य भर में मदरसों और मस्जिदों में वर्तमान में कार्य कर रहे मौलाना इनके शार्गिद है साथ ही इनकी छवी राज्य के सबसे तेज तर्रार हिन्दी व उर्दू वक्ता के तौर पर है। शेर मौहम्मद के बाड़मेर प्रयास पर मुस्लिम समुदाय ने स्थानीय जामा मस्जिद में इनका इस्तकबाल किया गया इनके इस्तकबाल के लिए आयोजित जलसे में शेरकाजी मौलाना हासम ने कहा कि यह हमारी खुषकिस्मती है बाड़मेर के जन्मे मुफ्ती शेर मौहम्मद ने अपनी मेहनत से मुस्लिम कौम के राजस्थान के प्रमुख बने। उन्होने कहा कि जो अल्लाह के मखलुक की खिदमत करता है रब उसे ऊची बुलंदी फरमाता है। इस मौके पर मुफ्ती शेर मौहम्मद ने कहा यह मेरा कमाल नही है यह रब की मेहरबानी और इस माटी ने मुझे ताकत दी जिससे जिससे मै इस बुकाम पर पहुॅचा मै इस माटी को कभी नही भुलुगा जिसने मुझे इतनी बड़ी ईज्जत दी। इस मौके पर शहर काजी मौलाना मौहम्मद हासम, पार्षद हादी दीन मौहम्मद हाजी हकीम हाजी गफूर खातेली मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के पूर्व सदर असरफ अली खिलजी, मौलाना आदम कौनराई, हाजी गुलाम हैदर, हाजी गुलाम नबी, हाजी मुस्ताक, शौकत चड़वा, मौहम्मद उमर, असकर अली, अब्दुल रहमान, अली शेर राठौड़, पीर बक्ष, हाजी फारूक, हाजी नजीर सहित कई गणमान्य लोगो ने षिरकत की। 

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top