प्रेस की आजादी कुचल देनी चाहिए : काटजू 

नई दिल्ली 
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि प्रेस की आजादी बिना शर्त हासिल हुआ अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया की कार्यशैली पिछड़ेपन की ओर ले जाती हो और लोगों की जीवन शैली को कमतर करती हो तो प्रेस की स्वतंत्रता को निश्चित रूप से कुचल दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज काटजू शुक्रवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने बॉलीवुड और क्रिकेट को राष्ट्रीय मुद्दों से अधिक महत्व देने के लिए भी प्रेस की आलोचना की। उन्होंने चैनलों पर ज्योतिष जैसे विषयों के माध्यम से अंधविश्वास और पिछड़े विचारों को बढ़ावा देने को भी गलत बताया। काटजू ने कहा कि प्रेस को मनमर्जी करने का अधिकार नहीं है। यदि वह लोगों की जिंदगी बेहतर बनाती है तो यह अच्छी बात होगी। 

काटजू की खरीखोटी 

सचिन तेंदुलकर ने सौवां शतक लगाया। अब देश में दूध और शहद की नदियां बहेंगी। क्रिकेट लोगों का अफीम है। रोमन सम्राट कहते थे कि अगर आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते तो उन्हें सर्कस दीजिए। पत्रकारों से ज्यादा अहम लोग हैं। कृपया आप यह मत सोचिए कि आप भगवान हैं। 
- चैनलों पर दिखाए जा रहे ज्योतिष के शो बकवास हैं। यह पूरी तरह अंधविश्वास है। क्या आपको इतनी समझ नहीं है? 
- लोग पत्रकारों से श्रेष्ठ हैं। आपको सेवा करनी है। हनुमान की तरह। हनुमान जी ने भगवान राम की सेवा की। आम भारतीय भगवान राम है। 
- विदर्भ के किसानों द्वारा उत्पादित कपास के बने आभूषणों को पहने मॉडल को सैकड़ों पत्रकारों ने कवर किया जबकि आत्महत्या करने वाले किसानों की खबर सिर्फ स्थानीय मीडिया में आई। ऐसे में क्या आपको शर्म नहीं आती? क्या यह आपका जिम्मेदाराना व्यवहार है? और आप किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता की बात करते हैं, भले ही भारत के लोग भाड़ में जाएं। 
- मैं जांबवंत की भूमिका निभा रहा हूं। जिन्होंने भगवान हनुमान को उनकी शक्ति और उनके कर्तव्य की याद दिलाई थी। 

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