कश्मीर भारत का मुकुट है, धारा 370-बंद करों
बाड़मेर
'एक देश में दो विधान, दो निशान-दो प्रधान, नहीं चलेंगे-चलेंगे..., केंद्र सरकार होश में आएं-देश विघातक नीतियों से बाज आएं..., कश्मीर हो या गुवाहाटी-अपना देश अपनी माटी, धारा 370-बंद करों सरीखे नारों के साथ जिला मुख्यालय सहित तहसील स्तरों पर राष्ट्रवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने धरना-प्रदर्शन कर जम्मू-कश्मीर मामले पर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध जताया। सभी जगह प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को रिपोर्ट खारिज करने की मांग को लेकर हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपे गए। कश्मीर भारत का मुकुट
शुक्रवार सुबह 10:30 बजे स्थानीय गांधी चौक व शहीद स्मारक सिणधरी चौराहे से लोग हाथों में कश्मीर नीति विरोधी तख्तियां थामे रवाना हुए। नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता मुख्य मार्गों से होकर कलेक्ट्रेट के समक्ष पहुंचे। धरने को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक पुखराज गुप्ता ने कश्मीर को भारत का मुकुट बताया। उन्होंने कहा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का रवैया देश की अस्मिता पर कुठाराघात है। कश्मीर के विलय हो जाने तथा वहां की विधानसभा की ओर से पुष्टि करने के बावजूद केंद्र सरकार जानबूझकर निर्णय नहीं ले रही है। पुरुषोत्तम बिंदल, छत्तूमल सिंधी ने जम्मू कश्मीर के हालातों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट को भारतीय कभी स्वीकार नहीं करेंगे। समिति के जिला कोषाध्यक्ष सुशील भंडारी ने ज्ञापन का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन जिलाध्यक्ष अंबालाल जोशी व आभार उपाध्यक्ष ईश्वरलाल आचार्य ने व्यक्त किया।
ये रहे मौजूद:धरना प्रदर्शन में संघ व उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मेजर परबत सिंह, रतनलाल बोहरा, वीरसिंह भाटी, मृदुरेखा चौधरी, बलराम प्रजापत, मिर्चूमल कृपलानी, जगदीश खत्री, लक्ष्मण बडेरा, स्वरूपसिंह खारा, बलवंत सिंह, किशनचंद, भगवान ठारवानी, किशोर भार्गव, चेलाराम सिंधी, नारायण प्रसाद खत्री, गोविंद पुरोहित, पहाड़ सिंह महेचा, कैलाश बेनीवाल, रेलूमल, मांगीलाल बोथरा, कल्याणसिंह, विजेंद्र, महेंद्र पुरोहित, मूलाराम भांभू, आदूराम, वासुदेव व्यास, सुरेंद्र मेहता, खेमी चंद सोलंकी, अरविंद तापडिय़ा, नाथूराम कुमावत, मनोहर बंसल, रामसिंह बोथिया सहित कई लोग उपस्थित रहे।
जन मानस को स्वीकार नहीं रिपोर्ट
बायतु
उपखंड मुख्यालय पर सीमा जन कल्याण समिति के बैनरतले धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विभाग गो संवद्र्धन एवं ग्राम विकास प्रमुख पूनमचंद पालीवाल ने कहा कि रिपोर्ट में नियंत्रण रेखा के आर-पार निर्बाध आवागमन की सिफारिश की गई है। इससे भारत विरोधी गतिविधियों को बल मिलेगा। इसे देश का जन मानस कतई स्वीकार नहीं करेगा। धरने के बाद कार्यक्रम संयोजक महेंद्र कुमार चौपड़ा के नेतृत्व में एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
केंद्र सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप
धोरीमन्ना
कस्बे में कश्मीर मामले पर केंद्र सरकार की रिपोर्ट को खारिज करने की मांग को लेकर सीमा जन कल्याण समिति ने रैली निकाल कर विरोध जताया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग सह कार्यवाह देरामाराम विश्नोई ने कहा केंद्र सरकार तुष्टिकरण की नीति से देश को तोडऩे का प्रयास कर रही है। इस दौरान जुगराज सेठिया, रमेश आचार्य, सुरेश गीगल, जयकिशन भादू, मांगाराम विश्नोई, लक्ष्मण भागर्व, अशोक दर्जी, तेजसिंह चौहान, नरेश गुप्ता समेत कई लोग मौजूद थे।
षड्यंत्रों के विरुद्ध जागरण जरूरी
चौहटन:
देशव्यापी कश्मीर बचाओ अभियान के तहत कस्बे में रैली निकाली गई। रैली पीपली चौक से रवाना होकर मुख्य बाजार होकर तहसील कार्यालय पहुंच सभा में तब्दील हो गई। संघ के विभाग सह प्रचारक विपिनचंद्र ने कहा जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के षड्यंत्रों के खिलाफ जनजागरण जरूरी हैं। नगर बौद्धिक प्रमुख राजेश कुमार, तहसील शारीरिक प्रमुख लिखमाराम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। धरना-प्रदर्शन में चतरसिंह राठौड़, बाबूलाल डोसी, सरपंच मोहनलाल सोनी, श्रवण कुमार, कमलेश बोथरा सहित कई लोगों ने शिरकत की।
कश्मीर नीति देश के लिए घातक
गडरा रोड
उपतहसील मुख्यालय पर भी कश्मीर बचाओ अभियान को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया। सीमा जन कल्याण समिति के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शंकरलाल गोली ने कहा कि केंद्र सरकार की कश्मीर को लेकर नीति देश के लिए घातक है। दशरथ मेघवाल, प्रेमाराम मेघवाल, कंवराजसिंह गोडिय़ा, प्रेमसिंह सोढ़ा ने भी अपनी बात कही। इस दौरान किशन तामलोरिया, भीख भारती, हिंदुसिंह सोढ़ा, प्रताप भील, तेजाराम दर्जी सहित कई लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट हो खारिज
सिणधरी
राष्ट्रवादी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपतहसील कार्यालय के समक्ष सांकेतिक धरना देकर कश्मीर रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की।
एबीवीपी नगर अध्यक्ष खरथाराम सोलंकी, शिवसेना संयोजक मुकेश, महंत रघुनाथ भारती, जयराम प्रजापत, निंबाराम, गिरधारीराम सहित कई कार्यकर्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
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