भारतीय सेना में चलता है इस जिले का सिक्का
जयपुर.
भारतीय सेना में झुंझुनूं जिले का सिक्का चलता है। यह देश का मात्र ऐसा जिला है, जहां सबसे ज्यादा पूर्व सैनिकों की संख्या है। सेना के दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण ने कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि है। सेना में इस राज्य का बड़ा योगदान है। सेना के लिए यह प्रदेश एक नर्सरी है। किसी भी जिले का उदाहरण ले लो हर जगह से सैनिक और सेवानिवृत्त सैनिकों का हवाला मिल जाएगा। एमएसएमई कानक्लेव-2012 में मुख्य अतिथि ज्ञान भूषण ने युवाओं से कहा कि दुनिया में हर कोई यह कहता है कि भविष्य की बागडोर युवाओं के हाथ में है। पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा होती है कि इस शताब्दी में एशियाई मुल्कों का दबदबा रहेगा। इसमें से भी चीन और भारत के वर्चस्व की बात हो रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि यकीनन हमारे देश का युवा केंद्रित हो तो इस शताब्दी में भारत का दबदबा कायम हो जाएगा।
सुरक्षा से जुड़े पहुलओं पर चर्चा करते हुए भूषण ने कहा कि सेना या टेरिटोरियल सुरक्षा सिक्यूरिटी का एक ही हिस्सा नहीं है। मजबूत आर्थिक और वित्तीय स्थिति के बिना हम सिक्यूरिटी पावर नहीं बन सकते। इसीलिए जो भी सुरक्षा संबंध स्थापित हो रहे हैं, सबकी बुनियाद अर्थव्यवस्था पर केंद्रित होती है।
वैश्विक स्तर की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र के अभियान में देश के 8000 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी मानव सेवा से जुड़े कार्यो को कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में अब भी सिक्युरिटी फोर्सेस के लिए सबसे ज्यादा डिमांड भारतीय सेना के लिए होती है।15000 करोड़ के निवेश पर 15 लाख को रोजगार राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का तेजी से विकास हो रहा है। उद्योग के बढ़ रहे महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 3.64 लाख इकाइयां एमएसएमई के तहत पंजीकृत हो चुकी हैं। इनमें कोयला, आयरन एंड स्टील से लेकर कुटीर उद्योग तक की इकाइयां शामिल हैं। इन इकाइयों से राज्य में 15000 करोड़ का निवेश भी आकर्षित हुआ। तेजी से जड़ें मजबूत कर रहे एमएसएमई क्षेत्र ने प्रदेशभर में प्रत्यक्ष रूप से 15 लाख लोगों को रोजगार के अवसर सृजित किए। देश के विकास में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के योगदान पर सीआईआई की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉनक्लेव 2012 में राजस्थान स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज (एसएसआई) के सचिव राजेश्वर सिंह ने बताया कि पिछड़े क्षेत्रों और उद्यमियों के विकास को लक्षित करते हुए प्रदेश में राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम-2010 लागू की गई।
यह स्कीम मार्च, 2018 तक लागू रहेगी। इसमें मिलने वाली रियायतों का ही असर है कि अब तक 1530 लोगों ने राज्य में इकाई स्थापित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव दिए। करीब 18000 करोड़ के इन निवेश प्रस्तावों में से राज्य सरकार ने 7000 करोड़ के 1305 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आरसी अग्रवाल, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी एम.वी. टकसाले सहित नामचीन कंपनियों से आए प्रतिनिधियों ने प्रस्तुतीकरण भी दिया।
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